भोपाल । मध्यप्रदेश में तापमान बढने के साथ ही उल्टी-दस्त और बुखार के मरीज भी बढने लगे हैं। राजधानी के अस्पतालों में इन दिनों उल्टी-दस्त, बुखार और पेटदर्द के मरीज बढ रहे हैं। गर्मी का सबसे ज्यादा असर बच्चों में देखने को मिल रहा है। शहर के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले मरीजों में करीब 40 प्रतिशत उल्टी-दस्त, बुखार और पेटदर्द वाले होते हैं।
इनमें करीब 10 प्रतिशत को भर्ती कर ड्रिप भी चढ़ानी पड़ रही है। इसी तरह की दिक्कत बड़ों को भी हो रही है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि दिन में तीन से चार लीटर पानी पीएं और खाली पेट बाहर नहीं निकलें। आखों की भी सुरक्षा करें। हमीदिया अस्पताल में शिशु रोग विभाग की प्राध्यापक डा. मंजूषा गोयल ने बताया कि ओपीडी में मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है, लेकिन जितने मरीज आ रहे हैं उनमें करीब 40 प्रतिशत गर्मी की वजह से होते हैं।
आम दिनों में यह आंकड़ा 10 प्रतिशत तक ही रहता है। निजी शिशु रोग विशेषज्ञ डा. राकेश भार्गव ने कहा कि ओपीडी में आने वाला हर दूसरा बच्चा बुखार या उल्टी-दस्त वाला होता है। डाक्टरों का कहना है कि पानी की कमी दूर करने के लिए तरल चीजें लें। एक लीटर पानी में ओआरएस घोलकर रख लें और थोड़ा-थोड़ा पीते रहें।बच्चा पेशाब नहीं कर रहा, सुस्त हो रहा है तो डाक्टर को दिखाने में देरी नहीं करें।
बुखार उतारने के लिए दवा के साथ गीले कपड़े से शरीर को पोछें। इस बारे में जेके अस्पताल के मेडिसिन विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. आदर्श वाजपेयी का कहना है कि इस दौरान गर्मी से सबसे बड़ा बचाव पानी है। बड़ों को दिन में तीन से चार लीटर पानी पीना चाहिए।पांच साल से ऊपर के बच्चों को भी कम से कम तीन लीटर पानी पीना चाहिए।पानी के अलावा तरल चीजेंं जैसे छाछ, दही, नारियल पानी, आम का पना आदि ले सकते हैं।