वॉट्सऐप पर एक पर्चा वायरल होता है और प्रदेश के 18 लाख से ज्यादा स्टूडेंट की टेंशन शुरू हो जाती है कि क्या वाकई पेपर लीक हो गया? क्या फिर से परीक्षा देना पड़ेगी? इस बार मध्यप्रदेश में पर्चा लीक को रोकने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने पुख्ता इंतजाम का दावा किया है।
इस बार मंडल, प्रिटिंग प्रेस से लेकर परीक्षा केंद्र तक पेपर पहुंचाने के पूरे सिस्टम की मोबाइल ऐप से निगरानी करेगा। इसके जरिए जिले में कलेक्टर और प्रदेश स्तर पर बोर्ड के अफसर एग्जाम से जुड़े हर अधिकारी-कर्मचारी की उपस्थिति और उनकी गतिविधियों को रियल टाइम में देख सकेंगे।
इस पूरी कवायद में केंद्राध्यक्ष, उड़न दस्ते के प्रभारी और पर्यवेक्षकों पर सबसे ज्यादा नजर रखी जाएगी। दरअसल, साल 2023 में 10वीं और 12वीं के करीब 8 पर्चे सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इन घटनाओं में केंद्र अध्यक्ष और पर्यवेक्षकों की भूमिका संदेह के दायरे में थी।