मुरैना । केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को मुरैना विकासखण्ड के ग्राम अजनौधा में पहुंचकर समाजसेवी स्व. बाबू सिंह राजपूत की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज हमने ऐसे व्यक्ति की प्रतिमा का अनावरण किया है, जिन्होंने पूरे जीवन में गरीब, जरूरतमंद लोगों की मदद करके उनका सहयोग किया।
उनके पद चिन्हों पर उनके पुत्र रामभरोषी राजपूत ने पिता का स्मृति में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया है। इस कथा में उपस्थित होने का मुझे भी सौभाग्य मिला है, मैं भी रामभरोषी राजपूत का आभारी हूं। इस अवसर पर उनके साथ अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के अध्यक्ष रघुराज सिंह कंषाना, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिर्राज डंडोतिया, अम्बाह विधायक कमलेश जाटव, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. योगेशपाल गुप्ता, पूर्व मंत्री रूस्तम सिंह, मुंशीलाल, पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर, समाजसेवी हमीर सिंह पटेल, विजय जादौन, ऐटा से पधारे विपिन सिंह डेबिड, श्रीमती शरला रावत, फिल्म कलाकार केदार सिंह बारहकला सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि रामभरोषी राजपूत ने श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कर पिता की प्रतिमा का अनावरण कराया है, उन्होंने पित्त धर्म की स्थापना की है। पूर्वजों को आर्शीवाद तो मिलेगा ही, अगले जन्म में भी परिलोक सुधारने के बाद भी बेंकुन्ट प्राप्त होगा। रामचरित मानस, श्रीमद् भागवत जिन लोगों ने सात दिन ग्रहण किया होगा, वे भी अपने जीवन को सुधार सकते है।
केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि अपने क्षेत्र में ज्ञान मिले न मिले, लेकिन भंडारों में सभी की रुचि तो रहती ही है और आज इस मौके पर राम भरोसी भाई साहब ने अपनी पूज्य पिताजी की प्रतिमा की स्थापना भी की। पिताजी के बारे में वह आप सबके मध्य अपनी बात कह रहे थे। उन्होंने पिता जी की प्रतिमा लगाई और सिर्फ इतना ही नहीं, यह परिवार इतना कर्तव्य परायण है और धर्म क्षेत्र के प्रति समर्पित है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रामभरोषी की दादी और दादा जी की प्रतिमा भी पहले से ही लगी होगी।
मुझे इस अवसर पर आने का मौका मिला और आज फिर एक बार बाबूजी की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर मैं आप सभी के मध्य उपस्थित हुआ हूं। मैं पूज्य दादा, दादी जी और उनके बापू जी के चरणों में उनकी ओर से भी और समस्त भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से भी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं, उनको नमन करता हूं। हम सभी हिंदू समाज के लोग हैं, हमारे धर्मस्थल हमारे शास्त्र, हम सबको धर्म निर्वहन की शिक्षा देते हैं, यह सामान्य तौर पर धर्म की बात चलती है तो हम सिर्फ इतना ही मान लेते हैं। धार्मिक पूजन पाठ करने के लिए कोई मंदिर जाता है, तो कोई मस्जिद जाता है।
कार्यक्रम के पूर्व में श्रीमद् भागवत कथा के परीक्षत रामभरोषी राजपूत ने स्वर्गीय पिता बाबू सिंह राजपूत के जीवन काल के परिचय को प्रस्तुत किया। अंत में मंचासीन अतिथियों का साफा, स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।