कीव । यूक्रेन से दो फ्लाइटें भारत आ चुकी हैं, जबकि तीसरी रवाना हो गई है। अब भी यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र और अन्य लोग फंसे हुए हैं। भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए शनिवार को अभियान शुरू किया है। पहली निकासी उड़ान एआई1944 से बुखारेस्ट से 219 लोगों को मुंबई लाया गया। एअर इंडिया की दूसरी निकासी उड़ान यूक्रेन में फंसे 250 भारतीय नागरिकों को लेकर रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से रविवार तड़के दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंची।
इस बीच बुडापेस्ट (हंगरी) से 240 भारतीय नागरिकों को लेकर ऑपरेशन गंगा के तहत तीसरी उड़ान दिल्ली के लिए रवाना हुई है। यूक्रेन की पोलैंड और हंगरी से लगी सीमा पर अभी भी सैकड़ों भारतीय फंसे हुए हैं। एक भारतीय छात्र ने बताया कि यहां तापमान-7 डिग्री के करीब है। मुझे नहीं पता कि क्या करना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध के बीच यूक्रेन में कई भारतीयों के पास शेल्टर, भोजन और पैसे नहीं हैं। उनके मोबाइल फोन भी बंद होने के कगार पर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के गॉर्ड्स भारतीयों को चेक प्वॉइंट पार करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। गार्ड्स की ओर से छात्रों से बॉर्डर पार कराने के लिए घूस मांगने की शिकायतें भी आई हैं। शुभम नाम के एक छात्र ने कहा कि हम बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। हम बंदूक की नोक पर हैं। हमें यहां वीडियो बनाने के लिए मना किया गया है। एक अन्य छात्र ने कहा कि एंबेसी की ओर से जो एडवाइजरी जारी की गई उसको फॉलो करते हुए हम सभी पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचे हैं। यहां हमें रोक लिया गया है।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा कि उन भारतीयों को निकालना मुश्किल हो रहा है, जो बिना सूचना दिए सीमा जांच चौकियों पर पहुंच गए हैं। भारतीय दूतावास ने कहा कि कफ पश्चिमी यूक्रेन के शहरों में रह रहे लोग अपेक्षाकृत सुरक्षित माहौल में है और उनके पास बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उसने कहा कृपया ध्यान दें कि पानी, भोजन, आवास और बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच के साथ यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में रहना स्थिति से पूरी तरह अवगत हुए बिना सीमा जांच चौकियों पर पहुंचने के मुकाबले अधिक सुरक्षित है।