सीरिया में बशर अल असद के राष्ट्रपति रहते बदनाम सेडनाया जेल में हजारों लोगों को मौत की सजा देने वाले टॉप मिलिट्री जज मोहम्मद कंजू अल-हसन को गिरफ्तार कर लिया गया है। कंजू हसन की गिरफ्तारी सीरिया में हाल ही में हुए विद्रोह के बाद सबसे टॉप लेवल की गिरफ्तारी है। कंजू अल-हसन 2011 से 2014 तक सीरिया की मिलिट्री कोर्ट का जज था। इस दौरान उसने हजारों लोगों को मौत की सजा दी थी।
कंजू हसन पर आरोप है कि कैदियों के रिश्तेदारों से उसने अलग-अलग तरीकों से 1500 करोड़ रुपए वसूले थे। ब्रिटेन की सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक कंजू हसन को 20 अन्य लोगों के साथ गुरुवार को गिरफ्तार किया गया।
सीरिया के अंतरिम गृह मंत्री मोहम्मद अब्देल रहमान ने बताया कि ततूंस प्रांत में छिपे कंजू अल-हसन को गिरफ्तार करने के दौरान सरकार के 14 सैनिकों की मौत हो गई। सीरिया में नागरिकों के दमन की वजह से 2023 में ब्रिटेन सरकार ने कंजू अल-हसन पर बैन लगा दिया था। कंजू सेडनाया जेल में अमानवीय अपराधों के लिए जिम्मेदार था।
30 मिनट में सुनवाई, कैदी को बोलने का मौका भी नहीं
जज कंजू हसन पर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप हैं। उसने कानून की पढ़ाई के बाद सीरियाई सेना की मिलिट्री कोर्ट में सर्विस दी थी। 2011 में जब असद के खिलाफ सीरिया में अरब क्रांति हुई तब हसन दमिश्क की रिजनल आर्मी कोर्ट में जज था।
एक गवाह के मुताबिक, हसन ने खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर राजनीतिक कैदियों के खिलाफ के खिलाफ अन्य लोगों से झूठी गवाहियां दिलाई। कोर्ट में सिर्फ 30 मिनट सुनवाई होती है, जिसमें आरोपी को बोलने की इजाजत नहीं होती।
राष्ट्रपति की माफी के बाद भी रिहाई नहीं होने देता था
कंजू हसन पर आरोप है कि वह राष्ट्रपति की माफी के बाद वो कैदियों पर लगे आरोपों को बदल देता था, ताकि उनकी रिहाई न हो सके। इसके बाद उन्हें रिहा करने के लिए परिवार वालों से वसूली करता था। बता दें कि असद के भागने के बाद उनके करीबी कई अन्य लोग पीछे रह गए। जिनमें असद का भाई माहेर अल-असद भी शामिल था।