भोपाल । प्रदेश के पन्ना जिले में रविवार-सोमवार की दरमियानी रात्रि फिर एक तेंदुए की मौत से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। प्रथमदृष्टया दो वर्षीय तेंदुए की मौत का कारण सड़क हादसा बताया जा रहा है। प्रदेश में वन्य प्राणियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वन्य प्राणियों की सुरक्षा में नाकाम साबित हो रहे हैं। तेंदुए की मौत की समुचित जांच के लिए वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा डॉग स्क्वाड टीम को बुलाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पन्ना जिले के उत्तर वन मंडल अंतर्गत वन परीक्षेत्र धरमपुर के अजयगढ़-बांदा रोड ग्राम किशनपुर के पास का है जहां मुख्य सड़क मार्ग से चंद कदमों की दूरी पर यह तेंदुआ संदिग्ध परिस्थितियों में मृत स्थिति में देखा गया।
सूचना मिलने पर भोर सवेरे वन विभाग के तमाम अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंच गए फिलहाल एक्सपर्ट द्वारा मामले की जांच की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया है घटनास्थल की जांच और मृत तेंदुए के शव के पोस्टमार्टम उपरांत ही मामले की सच्चाई सामने आ सकेगी। पहले भी पन्ना-कटनी रोड स्टेट हाईवे में एक बाघ शावक की मौत सड़क हादसे मैं हो चुकी है। आपको बता दें कि विगत वर्षों हुई तेंदुओं की गणना में पन्ना जिले में सर्वाधिक तेंदुओं की मौजूदगी बताई गई है।
विगत दो वर्ष पूर्व पन्ना-कटनी रोड स्टेट हाईवे में एक बाघ शावक की मौत भी सड़क हादसे के कारण हो चुकी है। पन्ना जिले का वन अमला और पन्ना टाइगर रिजर्व हादसे को अंजाम देने वाले का पता अब तक नहीं लगा पाया। इसके अलावा विभिन्न वन्य प्राणियों की मौत अक्सर सड़क हादसे में होती रहती है और वन विभाग द्वारा इनके शव को उठाकर उनका अंतिम संस्कार करवा दिया जाता है, लेकिन सोचनीय बिंदु यह है कि वन विभाग का इतना बड़ा हमला होते हुए भी वन्य प्राणियों की असमय सड़क हादसे में मौत हो जाना एक चिंता की बात बताई जा रही है।