भोपाल । मप्र भाजपा राज्य विधानसभा की 26 सीटों पर उपचुनाव की तैयारी कर रही है, लेकिन पुराने भाजपाइयों में असंतोष और नाराजगी लगातार सामने आ रही है। नेतृत्व इस असंतोष को दबाने के लिए लगातार पहल कर रहा है लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है। कांग्रेस से भाजपा में आ रहे नेता भी इसकी वजह बन रहे हैं क्योंकि चुनाव जीतने के लिए वह अपनी भी टीम खड़ी कर रहे हैं। उनकी इस टीम की सक्रियता पुराने नेताओं को नागवार गुजर रही है। राज्य के रायसेन जिले के सांची क्षेत्र में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। कमल नाथ की सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए डॉ. प्रभुराम चौधरी 2018 में सांची विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। प्रभुराम ने तब भाजपा के मुदित शेजवार को हराया था। मुदित पूर्व नेता प्रतिपक्ष गौरीशंकर शेजवार के पुत्र हैं। अब प्रभुराम चौधरी को शिवराज सरकार में मंत्री बना दिया गया है। उनको मंत्री बनाए जाने से पहले ही गौरीशंकर और मुदित की टीस सार्वजनिक हुई थी। यही वजह रही कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा रायसेन में शेजवार को मनाने पहुंचे। शेजवार और प्रभुराम का मिलन हुआ और लगा कि सब कुछ ठीक हो गया। हर विस क्षेत्र के लिए बनाए प्रभारी इस बीच भाजपा ने उपचुनाव की तैयारी के लिए हर उपचुनाव क्षेत्र के लिए मंत्री, विधायक, सांसद, पूर्व मंत्रियों को प्रभारी बनाया है। इन प्रभारियों ने बैठक शुरू कर दी है। पूर्व मंत्री और रायसेन जिले के ही विधायक रामपाल सिंह गत दिवस सांची में बैठक लेने गए तो गौरीशंकर शेजवार और मुदित शेजवार इस बैठक में शामिल नहीं हुए। यह संदेश चला गया कि दोनों नाराज हैं और इसका असर उपचुनाव के नतीजे पर पड़ेगा। शेजवार परिवार की नाराजगी यह भी है कि 2018 में जो कार्यकर्ता भितरघात कर मुदित को चुनाव हराने में सक्रिय थे उन्हें ही चुनाव प्रबंधन से लेकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा रही है। खास बात यह भी कि शिवराज चौहान को शेजवार की पत्नी राखी बांधती हैं और इतना मधुर रिश्ता होने पर भी उनका प्रयास कारगर नहीं हुआ। पवैया, शेखावत, जोशी भी नाराज ध्यान रहे कि सिर्फ शेजवार ही नहीं बल्कि 2018 में कांग्रेस से हारे कई भाजपाई नाराज चल रहे हैं। ग्वालियर में पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, बदनावर में पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत, हाट पीपल्या में दीपक जोशी किसी न किसी बहाने अपनी नाराजगी दिखा चुके हैं। दबी जुबान से और भी क्षेत्रों में इस तरह के मतभेद सामने आए हैं। इस बारे में भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि भाजपा उपचुनाव वाले सभी क्षेत्रों में प्रभारी नियुक्त कर बैठकें कर रही है। सभी कनिष्ठ-वरिष्ठ की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। हो सकता है कि शेजवार किसी व्यस्तता की वजह से बैठक में न आए हों। कोशिश यही है कि सबको साथ लेकर चुनाव में सभी सीटों पर भाजपा को विजयश्री मिले और यही होगा। उधर मप्र विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गौरीशंकर शेजवार का कहना है कि भाजपा में रहकर भाजपा को पिछला चुनाव हरवाने वाले इस बार उपचुनाव की मुख्य जिम्मेदारी में हैं, कैसे मान लिया जाए कि अब असल में पार्टी का काम करेंगे। अनुशासित कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहा है जब भीतरघात करने वाले ही चुनाव जीता सकते हैं तो हमारी जरूरत क्या है। वहीं 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे मुदित शेजवार का कहना है कि अनुशासन और विचारधारा को ताक पर रखकर जब काम हो और पिछले चुनाव के भितरघाती ये कहें कि चौधरी को जिताने के लिए शेजवार को हराना है तो अब हम क्या करें? प्रभुराम चौधरी वरिष्ठ नेता हैं उनको शुरू से सम्मान के साथ हम सभी ने स्वीकार किया है पिछली बार भितरघात करने वालों की टीम अब उनके साथ मुख्य भूमिका में है। इसे कैसे नजरअंदाज करें। अभी अपने निजी कार्यों में मेरी कुछ व्यस्तता भी बनी हुई है।