बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) के इंजीनियरिंग संस्थान में छात्र हॉस्टल को लेकर एक गंभीर विवाद सामने आया है। एक बायोटेक छात्र ने यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत भेजते हुए सीनियर छात्रों पर रैगिंग, लड़कियों को लाने और शराब पार्टी जैसी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया है। छात्र ने यह भी लिखा कि यदि कोई एक्शन नहीं लिया गया तो वह आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है।
इस शिकायत ने विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों में हलचल बढ़ा दी है। हालांकि, सीनियर छात्रों और कई जूनियर्स ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
छात्र द्वारा यह शिकायत शनिवार रात दर्ज कराने की बात सामने आई है। लेकिन मामला तब सामने आया जब रविवार शाम यूजीसी ने शिकायत पत्र बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को भेजा। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि मामले की तत्काल जांच कर शीघ्र रिपोर्ट दी जाए।
शिकायतकर्ता का आरोप बायोटेक डिपार्टमेंट के छात्र ने यूजीसी को भेजी शिकायत में कहा है कि हॉस्टल में सीनियर्स रात में लड़कियों को लाते हैं और शराब पार्टी करते हैं। मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और बार-बार अपने ग्रुप में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा है। यदि कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।
सीनियर छात्रों ने बताया साजिश एलएमएम स्टूडेंट विकास सिंह परमार ने कहा कि सीनियर्स पर लगाए गए रैगिंग के आरोप पूरी तरह झूठे हैं। ये आरोप राजनीतिक दलों द्वारा लगवाए जाते हैं ताकि सीनियर्स को बदनाम कर उन्हें अपने संगठनों में जोड़ा जा सके। यह एक सोची-समझी साजिश है।
अनधिकृत प्रवेश और प्रबंधन की जिम्मेदारी एनएसयूआई के दीपांशु पटेल ने कहा कि हॉस्टल में नशे का सामान ले जाना संभव नहीं है क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है। लेकिन कैंपस की टूटी दीवार के कारण बाहरी लोग अंदर आ जाते हैं। प्रबंधन को चाहिए कि वह बाउंड्री वॉल की मरम्मत कराएं और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाएं।"
जूनियर्स ने किया सीनियर्स का समर्थन बीसीए फर्स्ट ईयर अभिषेक मौर्या ने कहा कि हॉस्टल में रैगिंग जैसा कोई माहौल नहीं है। सीनियर्स हमारी मदद करते हैं। जब मैं बीमार पड़ा था, तो सीनियर्स ही अस्पताल लेकर गए।
वहीं, बीएससी एग्रीकल्चर फर्स्ट ईयर के वैभव ने कहा, रैगिंग वाली बात अफवाह है। जूनियर्स और सीनियर्स में अच्छा तालमेल है। जहां तक शिकायत की बात है, कभी-कभी कोई कर देता है, लेकिन उसकी मंशा क्या थी यह कहना मुश्किल है।
प्रशासन ने शुरू की जांच, कल बैठक यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एंटी रैगिंग कमेटी को जांच के आदेश दिए हैं। कमेटी ने सोमवार को बैठक बुलाई है। जिसमें छात्र के बयान दर्ज कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसे आगे यूजीसी को भेजा जाएगा। दोषी सामने आने पर उनपर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इधर, बीयू हॉस्टल में उठा यह विवाद अब सिर्फ रैगिंग तक सीमित नहीं रहा, यह एक बड़े राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का रंग ले चुका है।