भोपाल । राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीजों का मात्र सात कांउटरों पर पंजीयन हो रहा है। शेष 5 कांउटर बंद है , मरीजों की लंबी कतारें लग रही है। ज्यादा समय लगने के कारण मरीज परेशान हो रहे हैं। एम्स में कहने को तो 12 काउंटर हैं, लेकिन हकीकत में सिर्फ सात काउंटरों में ही पर्ची बनाने का काम हो रहा है। कर्मचारियों की कमी के चलते बाकी काउंटर बंद पड़े हैं।
हालांकि महीने भर के भीतर मरीजों को कुछ राहत मिल सकती है। इसकी वजह है कि महीने भर के भीतर यहां पर चार और काउंटर बनाए जाएंगे। इन्हें मिलाकर 11 काउंटर हो जाएंगे। यह काउंटर मौजूद जगह पर ही बढ़ाए जाएंगे। एम्स प्रबंधन कर्मचारियों की नियुक्ति कर नए काउंटर बनाने जा रहा है। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद एम्स में मरीजों की संख्या बढ़ी है। यहां हर दिन प्रदेश भर से दो हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सुबह 08 बजे 11:30 बजे तक यहां ओपीडी पर्चे बनाए जाते हैं।
कुछ मरीज व उनके स्वजन तो सुबह छह बजे से ही कतार में लग जाते हैं। पंजीयन कक्ष में ज्यादा भीड़ न हो, इसलिए पहले बाहर की मरीजों को रोक दिया जाता है। इसके बाद सीमित संख्या में मरीज पंजीयन के लिए भेजे जाते हैं। पंजीयन के लिए 50 से 60 मरीज कतार में रहते हैं।
इस कारण पंजीयन कराने में एक से डेढ़ घंटा तक वक्त लग जाता है। एम्स की अधीक्षक डा. मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि जल्द ही नए काउंटर बढ़ जाएंगे। बता दें कि एम्स की ओपीडी में पंजीयन के लिए नए व पुराने मिलाकर 12 काउंटर हैं। दो साल पहले तक सभी काउंटर चल भी रहे थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान मरीज कम होने की वजह से एक-एक कर चार काउंटर बंद हो गए। अभी सिर्फ सात काउंटर ही चल पा रहे हैं। अब करीब छह महीने से मरीजों की संख्या बढ़ी है, फिर भी काउंटर नहीं बढ़ाए गए। इसकी वजह यह कि काउंटर बढ़ाने के लिए कर्मचारी ही नहीं थे।