मध्य प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। पिछले 6 महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारी गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। दिवाली से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा वेतन भुगतान की घोषणा के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
विभागीय अधिकारी बजट की कमी का हवाला देकर भुगतान टाल रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित विभागों में अस्पताल, सीएम राइज स्कूल, मॉडल स्कूल, उत्कृष्ट स्कूल, आयुष विभाग, आईटीआई और पशुपालन विभाग शामिल हैं। ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स एवं अस्थाई कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा के अनुसार, कुछ विभागों में 2 महीने से तो कुछ में 6 महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।
विशेष रूप से चलित पशु चिकित्सा एंबुलेंस के ड्राइवरों की स्थिति गंभीर है, जिन्हें 3 महीने से वेतन नहीं मिला है। कंपनी ने अब उनके फोन तक उठाना बंद कर दिया है। इससे नाराज होकर ड्राइवर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। जिला अस्पतालों में भी आउटसोर्स कर्मचारियों को 3-4 महीने से वेतन नहीं मिला है, जिसके विरोध में झाबुआ में कर्मचारियों ने सीएमएचओ का घेराव किया और दमोह में कलेक्टर को अपनी समस्या बताई।
कर्मचारी संगठन ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह संवेदनशीलता दिखाते हुए आउटसोर्स कर्मचारियों के समय पर वेतन भुगतान की स्थाई व्यवस्था सुनिश्चित करे। स्कूलों में कार्यरत सुरक्षा गार्ड, भृत्य और रसोइयों की स्थिति भी चिंताजनक है, जिन्हें 4-5 महीने से वेतन नहीं मिला है।
कहां-कब से नहीं मिला आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन
चलित पशु चिकित्सा इकाई के ड्राइवरों का 3 महीने
जिला अस्पताल, उप स्वास्थ्य केंद्रों में 4 महीने
सीएम राइज और मॉडल स्कूलों के भृत्य, सुरक्षा कर्मी को 6 महीने
आईटीआई में 4 महीने
योग प्रशिक्षक 4 महीने
कई विभागों में 2 महीने से लंबित