मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अनुपयोगी लोक परिसंपत्तियों के प्रबंधन का कार्य बेहतर ढंग से हो रहा है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहाँ मध्यप्रदेश राज्य परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी लिमिटेड का गठन किया गया है।
प्रदेश में परिसंपत्तियों को चिन्हित कर प्रबंधन का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। परिसंपत्तियों के प्रबंधन से शासन को रिजर्व मूल्य से अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में मध्यप्रदेश राज्य परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी लिमिटेड के संचालक मंडल की प्रथम बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित लोक परिसंपत्ति विभाग और कंपनी के अधिकारी उपस्थित थे।
कम्पनी के सुचारू कार्य संचालन के लिए कम्पनी सचिव के पद पर श्रीमती प्रियंका कुमारी को संविदा नियुक्ति देने का अनुमोदन किया गया। कम्पनी में होने वाले विस्तृत कार्य एवं दैनिक कार्यों के सुगम संचालन के लिए 3 नवीन पदों के सृजन का अनुमोदन भी किया गया। मंत्रि-परिषद के निर्णय के पालन में कम्पनी में कार्यपालक समिति के गठन का निर्णय लिया गया।
एमपीआरडीसी में प्रचलित संविलियन, भर्ती प्रक्रिया एवं सेवा भर्ती नियम को कम्पनी के प्रशासकीय संरचना के अनुसार लागू करने का अनुमोदन किया गया। मंत्रि-परिषद के निर्णय के फलस्वरूप कम्पनी कार्यों के लिए 23 पदों की स्वीकृति दी गई। बताया गया कि कम्पनी कार्यालय के लिए अरेरा हिल्स स्थित बीएसएनएल भवन के अंशभाग को किराए पर लिया जाना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान संचालक मंडल के अध्यक्ष होंगे।
विभाग द्वारा 18 माह में प्राप्त उपलब्धियाँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देशों के पालन में अनुपयोगी लोक परिसम्पत्तियों के प्रबंधन के लिए 26 सितम्बर 2020 को विभाग का गठन किया गया।
3 माह में परिसम्पत्तियों के चिन्हांकन/निर्वर्तन के लिए प्लेटफार्म विकसित किया गया।
2 माह में टेण्डर-कम-ई-ऑक्शन के लिए सुस्थापित प्रक्रिया बनायी जाकर पारदर्शिता के साथ परिसम्पत्तियों का निर्वर्तन।
परिसम्पत्तियों के रिजर्व मूल्य का 2.25 गुना (100 रूपये के 225 रूपये) शासन को प्राप्त।
सीमित संसाधनों के साथ अनुपयोगी लोक परिसम्पत्तियों के प्रबंधन का मध्यप्रदेश शासन ने उदाहरण प्रस्तुत किया।
परिसमापकों की परिसम्पत्तियों के निर्वर्तन से शासन की देनदारियों में 180 करोड़ रूपए की पूर्ति।
पाँच परिसम्पत्तियों के मूल्य वृद्धि के लिए आंतरिक सड़क, पहुँच मार्ग एवं भू-उपयोग निर्धारण।
विभाग द्वारा अब तक लगभग 2200 करोड़ रूपये की परिसम्पत्तियों का प्रबंधन।
विभाग/जिलों द्वारा पहली बार अनुपयोगी लोक परिसम्पत्तियों को चिन्हित किए जाने का काम।
आज दिनांक तक निर्वर्तन योग्य लगभग 150 अनुपयोगी परिसम्पत्तियाँ चिन्हित।
प्रकरणों पर निर्णय के लिए पिछले 16 माह में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति के समक्ष 16 एवं 33 परिभ्रमण बैठकें की गयी, जिससे लोक परिसम्पत्तियों के प्रबंधन में त्वरित निर्णय हुए।
ई-ऑक्शन पूर्ण होने के बाद मात्र 2 दिवस में साधिकार समिति का निर्णय एवं लगभग 10 से 15 दिवस में मंत्रि-परिषद के निर्णय के बाद उच्चतम निविदाकार को एलओआई।
महत्वपूर्ण किन्तु लिटिगेशन युक्त 850 करोड़ रूपए की लोक परिसम्पत्तियाँ लिटिगेशन मुक्त हुई (न्यायालयीन, ईपीएफओ, एसबीआई)।
भारत सरकार की “स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर केपिटल एक्सपेंडिचर” में अवार्ड राशि 602 करोड़ के विरूद्ध लगभग 220 करोड़ रूपए की राशि का राज्य शासन को 50 वर्षों के लिए ब्याजमुक्त ऋण प्राप्त होगा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 40 परिसम्पत्तियाँ, जिनका रिजर्व मूल्य 599 करोड़ रूपए है, के निर्वर्तन की कार्यवाही प्रचलन में।