भोपाल । राजधानी की साइबर क्राइम पुलिस ने 1436 फर्जी सिमे बंद करा दी है। इन सिमों को साइबर अपराधी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे। इन फर्जी सिम को ब्लाक कराने के लिए पुलिस ने संबंधित टेलीकाम कंपनियों को पत्र लिख पुन: सत्यापन करने कहा था।
पुन: सत्यापन में इनका नाम, पता गलत पाया गया। इसके बाद इन नंबरों को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। साइबर पुलिस ने यह कार्रवाई शिकायतकर्ता अनिल शर्मा के साथ हुई ठगी को देखते हुए की है। अनिल शर्मा ने बताया कि उनके पास दिसंबर 2021 को एक अनजान मोबाइल नंबर से काल आया। कालर ने बताया कि वह एसबीआई क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट से बोल रहा है। क्रेडिट कार्ड का प्रोटेक्शन प्लान बंद करने के नाम पर उसने उनके क्रेडिट कार्ड का नंबर और ओटीपी लेकर अनिल के साथ सवा लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। जालसाज ने जिस मोबाइल नंबर का उपयोग किया, वह करैरा जिला शिवपुरी से एक्टिवेट किया गया था।
पता भोपाल की दुकान का था। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मोबाइल नंबर एक्टिवेट कराया गया था। इस पर पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों से सिम जारी करने वाले चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। जांच में पाया गया कि आरोपितों ने फर्जी दस्तावेजों पर सिम एक्टिवेट कर दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में साइबर अपराधियों को बेची थी। इस तरह उन्होंने करीब 1500 सिमों को फर्जी दस्तावेजों से एक्टिवेट कराया था।
इन नंबरों को संदिग्ध मानते हुए जारी करने वाली टेलीकाम कंपनियों को पुन: सत्यापन के लिए साइबर क्राइम ब्रांच द्वारा पत्र लिखा गया। इसके बाद टेलीकाम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी वोडाफोन-आइडिया द्वारा तत्परता से कार्रवाई करते हुए 1436 सिमों को बंद कर दिया गया। बता दें कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीदी गई सिम से जालसाज काल कर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे रहे थे, लेकिन फर्जी दस्तावेज लगे होने के कारण साइबर पुलिस असली अपराधियों तक नहीं पहुंच पाती थी, इसलिए इस तरह की कार्यवाही की आवश्यकता थी।