आठ घंटे की नींद लेने के बाद जब उठते हैं तो आप खुद को थका हुआ और बोझिल महसूस करते हैं। जिसका सीधा सा मतलब है कि आप तनाव में हैं जो आप के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। नींद पूरी करने के बावजूद यदि थकान महसूस हो तथा मन बोझिल हो तो इसका सीधा अर्थ है कि आप तनाव में हैं। कई बार घर का वातावरण सामंजस्यपूर्ण नहीं होता है। योगनिद्रा से चिंतामुक्त हो सकते हैं आप
अब प्रश्न यह उठता है कि चिंताग्रस्त मन सुमिरन किस तरह कर सकता है। मन को चिंतामुक्त करने की एक अनोखी विधि है योगनिद्रा। योगाभ्यास प्राय: जाग्रत अवस्था में ही किया जाता है। योगाभ्यास की यह विशेष विधि लेटकर की जाती है। आप या तो जागते हैं या फिर गहरी नींद में सो जाते हैं। योगनिद्रा में आप पूर्णत: जाग्रत होते हुए भी शरीर और मन पर गहरी नींद के तमाम लक्षण अनुभव कर पाते हैं। योगनिद्रा शरीर को संपूर्ण विश्राम देकर पूरी तरह शिथिल कर देती है। यह हमें मानसिक और भावनात्मक विश्राम भी प्रदान करती है। योगनिद्रा में सोना नहीं, जागना होता है। हमें पूरी तरह सजग और सचेत रहना होता है। योगनिद्रा शरीर और मन पर बहुत गहन प्रभाव डालती है जिससे आप शारीरिक और मानसिक तनावों से मुक्ति पा जाते हैं और आपको मिलता है सुंदर स्वास्थ्य।
मन को स्वस्थ रखेंगे तो शरीर भी स्वस्थ होगा
अगर आपका मन तनाव में रहता है तो आपका शरीर कैसे स्वस्थ रह सकता है। कई शारीरिक समस्याओं की वजह भी तनाव हो सकता है। इसलिए यदि हम अपने मन को स्वस्थ रखेंगे तो शरीर भी स्वस्थ रहेगा। यदि आप हर तरह की चिंता त्यागकर जिएंगे, तो खूब जिएंगे। अगर चिंता में डूबे रहेंगे तो निश्चित तौर पर आप तनाव में रहेंगे तथा आपकी आयु भी प्रभावित होगी। इसलिए अपने आपको हर प्रकार की चिंताओं से मुक्त करने की कोशिश करें। पूरी तरह चिंता मुक्त होकर जीने की आदत डालें और इसे जीवन-शैली के रूप में अपनाएं। सत्संग करें, संतों के सान्निध्य में बैठें। उनसे ज्ञान प्राप्त करें और उस ज्ञान को अपने आचरण का अभिन्न अंग बनाएं। इसके साथ ही सुमिरन करें, क्योंकि सुमिरन के जरिए भी चिंता और तनाव से मुक्ति मिल सकती है।