भोपाल । प्रदेश के सभी जिलों में मिलाकर रोजाना करीब 8000 कोरोना वायरस के संदिग्ध सैंपलों की जांच भी नहीं हो पा रही है, जबकि प्रदेश में हर दिन कोरोना के 25000 सैंपल जांचने का लक्ष्य स्वास्थ्य संचालनालय ने तय किया है। यह हाल तब है, जब चिकित्सा विज्ञानी देशभर में कोविड की चौथी लहर के दस्तक देने की बात कह चुके हैं। कई जिले तो लक्ष्य से 25 प्रतिशत सैंपल भी रोज नहीं जांच पा रहे हैं। जांच कम होने की दो बड़ी वजह है। पहली तो यह कि कोरोना मरीजों की संख्या कम होने के साथ ही लोगों में डर कम हुआ है।
कोरोनारोधी टीका लगाए जाने की वजह से भी संक्रमित होने पर भी ज्यादातर लोगों को लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। इस कारण लोग जांच कराने के लिए फीवर क्लिनिको में नहीं जा रहे हैं। दूसरा कारण यह है कि मरीज कम होने के साथ ही सभी जिलों में औचक सैंपलिंग के लिए लगाई गई टीमें कम कर दी गई हैं। भोपाल का हर दिन 2100 सैंपल लेने का लक्ष्य है, लेकिन हालत यह है कि 500 से ज्यादा सैंपल रोज नहीं लिए जा रहे हैं।
इनमें करीब 100 सैंपल फीवर क्लीनिक में लोग खुद जाकर करा रहे हैं। बाकी सैंपल औचक सैंपल इनके जरिए रेलवे स्टेशनों से जुटाए जा रहे हैं। सभी जांचें आरटी पीसीआर से की जा रही हैं। भोपाल का ही उदाहरण ले तो यहां पर तीसरी लहर के दौरान तीनों स्टेशनों बस स्टैंड और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर मिलाकर 72 टीमें लगी थी। अब सिर्फ तीन टीमें काम कर रही हैं। इनमें भी दो टीमें रानी कमलापति स्टेशन में लगी हुई है, जबकि एक टीम भोपाल स्टेशन से सैंपल एकत्र कर रही है।