मामला खरगोन-बड़वानी हुए दंगों का
भोपाल पिछले दिनों रामनवमीं पर खरगोन में हुई हिंसा का विरोध खरगोन-बड़वानी सांसद गजेंद्र पटेल ने किया है। उन्होंने टवीट कर कहा है कि दंगाइयों के खिलाफ एकजुट होकर जवाब देंगे। उन्होंने सकल हिंदू समाज से इस तरह के दंगाइयों के विरुद्ध एकजुट होकर ईंट का जवाब पत्थर से देने का आव्हान किया। मालूम हो कि रामनवमी पर्व के दौरान निकले जुलूस पर पथराव और टकराव के बाद खरगोन में हालात तनावपूर्ण हो गए थे/ हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन प्रशासन ने दंगे के कई आरोपियों पर जबरदस्त कार्रवाई की है। खरगोन के डीआईजी तिलक सिंह के मुताबिक पूरे मामले में 84 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उसके अलावा आरोपियों के 45 मकान और दुकान पर कार्रवाई हुई है। इनमे 16 मकान और 29 दुकानों को तोड़ा गया है। इनमें मोहन टॉकीज इलाके में चार मकान और तीन दुकान ज़मीदोज़ किए गए. वहीं खसखसबाड़ी क्षेत्र में 12 मकान, 10 दुकानों, गणेश मंदिर के पास एक दुकान सहित कुल 16 अवैध अतिक्रमण भी हटाए गए। औरंगपुरा में तीन दुकानें तोड़ी गई. वहीं घटना की शुरुआत वाले इलाके तालाब चौक में 12 दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया है। यहां सबसे बुरी तस्वीर ये सामने आई कि दंगा प्रभावित इलाकों से लोग अपना घर बेचकर जाने को मजबूर हो रहे हैं। वे भयभीत हैं दंगों को नजदीक से देखकर। किसी का घर-दुकान जला तो किसी के यहां लूटपाट हुई। किसी के घर आए दिन पत्थर फेंके जाते हैं तो कई ऐसे मौकों पर इन घरों को निशाना बनाया जाता है। खरगोन ने चार दशकों में चार दंगे झेले हैं। एक दशक में दो बार यहां हालात बिगड़े। इस दौरान पथराव, पेट्रोल बम का सामना करने वाले 30 से ज्यादा परिवारों की हिम्मत जवाब दे गई और करीब 30 से ज्यादा मकान बिक गए। इनमें हिन्दू परिवारों के मकान ज्यादा हैं। इस बार रामनवमी पर हुए दंगे के बाद भी दंगा प्रभावित इलाकों के 20 से ज्यादा मकानों के बाहर ‘मकान बेचना है’ लिखा देखा गया। उन परिवारों से विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल जैसे संगठनों के कार्यकर्ता संपर्क कर फैसला बदलने की कवायद कर रहे हैं, लेकिन दंगों के दौरान मौत को करीब से गुजरते देख लोग उनसे यह सवाल पूछते हैं कि इस बार तो हमारी जान बच गई? अगली बार दंगे हुए तो फिर कौन हमें बचाने आएगा? रामनवमी पर खरगोन में हुए उपद्रव में तीन इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। संजय नगर, त्रिवेणी चौक और आनंदनगर में पुलिस ने अस्थायी चौकियां स्थापित की हैं। संजय नगर में सबसे ज्यादा मकानों पर बेचना है लिखा गया है। यहां पिछले साल भी दो पक्षों में विवाद के बाद पथराव हुआ था, हालांकि तब कर्फ्यू नहीं लगा, लेकिन 7 मकान बस्ती में बिक गए थे और ज्यादातर मकान मुस्लिम परिवारों ने ही खरीदे, क्योंकि दूसरे खरीदार नहीं मिले। 2015 में भी यहां हालात बिगड़े थे।