उज्जैन । हनुमान जन्मोत्सव की के अवसर पर महाकाल वन कार्तिक चौक स्थित प्राचीन दक्षिणमुखी श्री वीर हनुमानजी महाराज पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले।
पालकी यात्रा शाम 5:30 बजे ध्वज पूजन के साथ आरंभ हुई। वीर हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित जस्सू गुरु महाराज, पुजारी नीलेश गुरु, पुजारी कृष्णा गुरु ने बताया ध्वज, पालकी व हनुमानजी महाराज का पूजन निर्मोही अखाड़े के महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज, पूर्व पार्षद श्रीमती माया राजेश त्रिवेदी, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी, महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य राम शर्मा, महाकाल मंदिर के पुजारी यश गुरु ने किया।
यात्रा में सबसे आगे धामाके करता कड़ाबीन, 1 ऊंट, 2 घोड़े, 11 ढोल के साथ शौर्य प्रदर्शन करता युवाओं का अखाड़ा, रजनी नरवरिया के नेतृत्व में 5 ढोल के साथ शस्त्र कलाओं का प्रदर्शन करती युवतियों का अखाड़ा निकला तो गुलाबी साफे व पीली साड़ियों में डीजे के साथ धार्मिक भजनों पर नृत्य करती महिलाएं चल रही थी। बग्घी में संत-महंत विराजित होकर निकले। 25 बटुक ब्राह्मण हाथों में केसरिया ध्वजाएं लिए पैदल जय-जय श्रीराम, जय वीर हनुमान के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।
बीच में फूलों से सजी बाबा की पालकी थी। पीछे 2 ध्वज के साथ उज्जैन के प्रसिद्ध बैंड धार्मिक स्वरलहरिया बिखेरते हुए निकले। पालकी के साथ यात्रा में महाकाल मंदिर के पुरोहित पंडित लोकेंद्र व्यास, फ्रीगंज शिव मंदिर के पुजारी पंडित शैलेंद्र व्यास, तीर्थ पुरोहित अंगूठी वाला पंडा मनोज गुरु दुबे, प्रवीण तिवारी, मनोहर उपाध्याय, संतोष उपाध्याय, जितेंद्र शर्मा, सहदेव शर्मा, संजय शर्मा, विशाल बिरला, रोहित सिंह, अनुराग मोदी, सौरभ सर्राफ वहीं महिला मंडल की श्रीमती संतोष शर्मा, मोनिका शर्मा, रिमझिम शर्मा, पूजा शर्मा, सुरभि सर्राफ, प्रीति शर्मा, सपना उपाध्याय, मनीषा शर्मा, दुर्गा बेन पांचाल आदि शामिल हुई।
पालकी यात्रा कातिकचौक से पानदरीबा, बक्षीबाजार, गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, ढाबारोड, दानीगेट, मोढ़ की धर्मशाला होकर रात्रि में वापस कार्तिकचौक कुम्हारवाड़ा स्थित मंदिर पर पहुंचकर समाप्त हुई। मार्ग में कई जगह भक्तों ने श्री वीर हनुमानजी महाराज का पूजन व आरती कर पालकी व यात्रा का पुष्पवर्षा से यात्रा का स्वागत किया। वही संपूर्ण यात्रा में पंडितजन पालकी के साथ भक्तों को बूंदी का प्रसाद वितरित करते हुए निकले। यात्रा के समापन पश्चात महाआरती कर प्रसाद वितरण किया गया।