चिकित्सकों का कहना है कि प्रसवपूर्व यह परीक्षण उन गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जिनके परिवार में आनुवांशिक बीमारियों का इतिहास रहा हो या जिनकी उम्र 35 साल से अधिक हो चुकी है।
वे अब एम्स भोपाल में भ्रूण के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगी। एम्स भोपाल में विजिटिंग फीटल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. मनुप्रिया माधवन ने यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की है। उनके अनुसार, यह प्रक्रिया सुरक्षित और प्रभावी है।
एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह का कहना है कि सीवीएस सफलतापूर्वक पूरा होना हमारे संस्थान में फीटल मेडिसिन सेवाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।