भोपाल । त्योहारों और शादी के इस सीजन में कोरोना वायरस एक बार पुन: अपना असर दिखाने लगा है। धीरे-धीरे राजधानी सहित प्रदेश भर में मरीजों की संख्या एक बार पुन: बढने लगी है।कोरोना वायरस के सक्रिय मरीजों की संख्या बुधवार को पचास के पार हो गई। बीते बुधवार को यह संख्या इक्यावन थी। इन मरीजों में 20 इंदौर में और पांच भोपाल में उपचाररत हैं।
हालांकि अच्छी बात यह है कि इनमें एक छोड़ बाकी सभी मरीज होम आइसोलेशन में हैं। 14 संदिग्ध मरीजों का इलाज भी प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। प्रदेश में बुधवार को कोराना के 15 मरीज मिले हैं, इनमें नौ इंदौर के हैं। 7,771 सैंपलों की जांच में यह मामले सामने आए हैं। संक्रमण दर भी बढ़कर 0.1 प्रतिशत हो गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में सामने आई है। भोपाल में गुरुवार को 437 सैंपलों की जांच में कोरोना के तीन मरीज मिले हैं, जबकि बुधवार को एक मरीज ही मिला था।
मंगलवार को 346 सैंपलों की जांच में कोई मरीज नहीं मिला था। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार बुधवार को मिले मरीजों में इंदौर में नौ, शिवपुरी में दो और भोपाल जबलपुर, कटनी और रायसेन में एक-एक मरीज शामिल है।देश के कई राज्यों में कोरोना के मरीजों की संख्या और संक्रमण दर दोनों में इजाफा हुआ है।
उधर ओमिक्रोन के एक्सई वैरिएंट के चलते मध्य प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन हकीकत में सिर्फ कागजी है। भीड़भाड़ में भी लोग मास्क नहीं लगा रहे है। ऐसे में कोरोना का खतरा बढ़ने का डर है। हमीदिया अस्पताल के छाती एवं श्वास रोग विभाग के विभागाधक्ष डॉक्टर लोकेंद्र दवे ने कहा कि जिन लोगों ने कोरोना का टीका लगवाया है, उन्हें 60 प्रतिशत तक तो कोरोना से पूरी तरह से सुरक्षा मिल जाती है।
ऐसे में जिन्होंने टीका नहीं लगाया है उन्हें देरी नहीं करनी चाहिए। देश के कुछ राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या और संक्रमण दर बढ़ी है। इकसे बाद भी लोग टीका लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
भोपाल में 12 से 14 साल तक के 86 हजार बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य था। 25 मार्च से इन्हें पहली डोज लगाने की शुरुआत हुई थी। अभी तक 48 हजार 761 लोगों ने ही पहली डोज लगवाई है। बुधवार से इन्हें दूसरी डोज लगनी भी शुरू हो गई है। कम टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग स्कूल शिक्षा विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहा है।स्कूलों और अस्पतालों में दूसरी डोज लगाई जा रही है।
हर दिन 150 से 200 स्कूलों को टीकाकरण केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए दो दिन पहले ही स्कूलों को चिन्हित कर लिया जाता है। इसके बाद वहां पर पंजीकृत बच्चों को टीकाकरण के लिए बुलाने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होती है। आनलाइन बुकिंग के साथ ही मौके पर पहुंचकर भी टीका लगवाया जा सकता है।
जेपी अस्पताल, हमीदिया, एम्स, कस्तूरबा अस्पताल, बीएमएचआरसी, कोलार सीएचसी, बैरागढ़ सिविल अस्पताल और संजीवनी क्लीनिकों में इस उम्र वर्ग वालों को टीका लगाया जा रहा है। इन्हें कार्बेवैक्स वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी। दूसरी डोज भी इसी की लग रही है।