भोपाल । अपनी मांगों को लेकर करीब महीने भर से आंदोलनरत ओबीसी चयनित शिक्षकों को कल पुलिस ने रैली निकालने से रोका और उन्हें गिरफ्तार कर अलग-अलग क्षेत्रों में दूर-दूर लेकर छोड़ दिया। ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षकों ने रविवार को उग्र आंदोलन किया। करीब 100 की संख्या में चयनित शिक्षक आंबेडकर पार्क में एकत्र हुए।
उनकी रोशनपुरा चौराहे तक रैली निकालकर प्रदर्शन करने की योजना की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोकते हुए गिरफ्तार कर लिया। पुलिस प्रदर्शनकारी ओबीसी चयनित शिक्षकों को अपनी गाड़ियों में बिठाकर ले गई और उन्हें अलग-अलग स्थानों पर दूर छोड़ दिया।चयनित शिक्षकों का कहना है कि शिवराज सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के बाहर करीब एक माह से धरना पर बैठे हुए हैं। भीषण गर्मी में भी हमारा आंदोलन जारी है।
चयनित शिक्षक हर दिन अलग-अलग अनोखे ढंग प्रदर्शन कर रहे हैं। करीब एक माह से धरना प्रदर्शन कर रहे चयनित शिक्षकों ने आठ दिन से आमरण अनशन शुरू किया है। इस वजह से रोज दो से तीन चयनित शिक्षकों की तबीयत खराब हो रही है, जिन्हें जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। अब तक पांच लोगों की तबियत खराब हो चुकी है, जिन्हें ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है। बता दें, कि शनिवार को पुरुष ओबीसी चयनित शिक्षकों ने सामूहिक रूप से मुंडन कराकर विरोध दर्ज कराया था।
वहीं महिलाओं ने जूते पालिश कर प्रदर्शन किया। चयनित शिक्षकों का कहना है कि शासन की ओर से कोई भी सुध नहीं ली जा रही है। जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में 17 हजार पद और जनजातीय कार्य विभाग में दो हजार पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ था, जिसकी परीक्षा फरवरी 2019 में आयोजित की गई थी। इसमें 15000 पदों पर 27 फीसद आरक्षण के साथ ओबीसी के पदों पर भर्ती की गई थी। चयन प्रक्रिया 10 जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक चली।
चयन सूची और प्रतीक्षा सूची में नाम आने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन किया गया था। चयन होने के बाद भी ओबीसी उम्मीदवारों कि अब तक पदस्थापना सूची जारी नहीं की गई है। उनका कहना है कि वर्तमान में आठ हजार से ज्यादा पद खाली होने के बाद भी ओबीसी उम्मीदवारों की चयन सूची पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और ना ही पदस्थापना सूची जारी की जा रही है।