भोपाल । परिवहन विभाग इन दिनों अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। इस वजह से अधिकारी को अपने काम के साथ दूसरे काम भी देखना पड़ रहे हैं। बात डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (डिप्टी टीसी) की करें तो प्रदेश में दस संभागों के हिसाब से दस डिप्टी टीसी होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में विभाग के पास सिर्फ तीन डिप्टी टीसी अरुण कुमार सिंह, सपना जैन और सुनील कुमार शुक्ला हैं।
सात डिप्टी टीसी की कमी है, इसलिए तीनों अधिकारियों को कार्य क्षेत्र के हिसाब से संभागों का बंटवारा बराबर होना चाहिए मगर यहां उल्टा हो रहा है। इनके भरोसे ही रीजनल ट्रांसपोर्ट अथोरिटी का कार्य देख रहे हैं। बैठक करने के लिए संबंधित संभाग में जाना चाहिए।
जानकारी के अनुसार अरुण कुमार सिंह को ग्वालियर-चंबल संभाग के अलावा भोपाल, उज्जैन, रीवा, शहडोल, जबलपुर, होशंगाबाद की जिम्मेदारी दे रखी है, जबकि सपना जैन इंदौर और सुनील कुमार सागर संभाग देख रहे हैं। इन दोनों अधिकारियों के विभाग में आने से पहले अरुण सिंह अकेले ही दस संभागों का काम देख रहे थे। आठ संभागों का भार होने पर अरुण सिंह को एक संभाग से दूसरे संभाग में जाना पड़ता है।
इसे परेशान होकर उन्होंने परिवहन आयुक्त मुकेश जैन से प्रभार कम करने की मांग की है। जांच का जिम्मा भी अरुण सिंह को ही मिलता है परिवहन विभाग में किसी न किसी अधिकारी की जांच चलती रहती है साथ ही अन्य प्रकरण भी होते हैं। आयुक्त द्वारा अरुण सिंह को ही जांच की जिम्मेदारी दी जाती है।
यह कार्य होते हैं प्रभावति
उप परिवहन आयुक्त आरटीए के अध्यक्ष होते हैं, उन्हें संभाग के परमिट देखने पड़ता हैं। आरटीओ इसके सचिव रहते हैं। बैठक के दौरान अध्यक्ष को मौजूद रहना होता है। अन्य जिम्मेदारियां भी उप परिहन आयुक्त के ऊपर होती हैं।