श्रीमान मैं निर्दोष हूं...बिल्डर नीतेश ठाकुर ने हम पर झूठी एफआईआर दर्ज कराई है। होशंगाबाद रोड पर एक कीमती जमीन का सौदा किया था। नीतेश हमारा पार्टनर है। इस सौदे में हमने 30 करोड़ रुपए प्रॉफिट कमाया। नीतेश की नीयत इस रकम को हड़पने की है। एडवांस के जो दस करोड़ रुपए मिले थे, वो नीतेश ने हमें फंसाने पर खर्च कर दिए। वल्लभ भवन में पदस्थ एक आईजी के नाम से नीतेश धमकाता है। हमारे घर पुलिस टीम के साथ पहुंचता है। पुलिस के नाम से धमकाता है। नीतेश स्वयं एक अपराधी है, जिसके खिलाफ कोलार, कोहेफिजा और सीहोर में कई आपराधिक केस दर्ज हैं। हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। केस की सीआईडी जांच कराई जाना चाहिए। सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। मैं निर्दोष जेल नहीं जाउंगा, ऐसी नौबत आई तो मैं परिवार सहित वल्लभ भवन के सामने सुसाइड कर लूंगा।
यह कहना है कोलार थाने में बिल्डर नीतेश सिंह ठाकुर अपहरण के फरार आरोपियों में से एक पंकज सिंह परिहार का। पंकज ने एक वीडियो जारी कर डीजीपी से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की गुहार लगाई है। यह वीडियो सोशल मीडिया के जरिए सामने आया है।
बता दें कि पंकज सहित मामले के फरार सभी पांच आरोपियों पर हाल ही में तीस हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। केस की जांच एसीपी अंजली रघुवंशी के सुपरविजन में एसआईटी कर रही है। मामले में 18 नवंबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। 43 दिन बाद भी पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। इधर, बिल्डर नितेश ठाकुर ने आरोपियों द्वारा लगातार धमकाने के आरोप लगाए हैं।
फरियादी ने अपहरण की घटना को लेकर ये बताया
नितेश सिंह ठाकुर ने बताया कि वह दानिश हिल्स कोलार में रहते हैं। भोपाल में रियल एस्टेट का काम हैं। हाल ही में मिसरोद में 32 करोड़ रुपए की एक जमीन बेची है। इसकी जानकारी उनके पूर्व परिचित संजय राजावत निवासी न्यू द्वारकापुरी पुरानी छावनी ग्वालियर, पंकज परिहार पिपरोली गढ़िया, जिला इटावा उत्तर प्रदेश, भोपाल ट्रैफिक पुलिस के आरक्षक रहा हेमंत चौहान, ओम राजावत निवासी पुरानी छावनी ग्वालियर और आकाश राजावत निवासी ग्वालियर को थी। हेमंत को छोड़कर फिलहाल सभी आरोपी मिनाल रेसीडेंसी में रह रहे थे और भोपाल में प्रॉपर्टी का काम कर रहे थे।
आरोपियों ने उसके अपहरण की प्लानिंग की। बहाने से उसे शादी का न्योता देकर ग्वालियर बुलाया और किडनैप कर बंधक बना लिया। इसके बाद दस करोड़ रुपए की मांग की। रकम नहीं देने पर उसे पीटा, आरोपियों ने नितेश की पत्नी से 30 लाख रुपए की वसूली भी कर ली थी।
आरोपियों की तलाश जारी
एडिशनल डीसीपी मलकीत सिंह ने बताया कि सात सदस्यीय एसआईटी मामले की जांच में जुटी है। आरोपियों पर तीस हजार का ईनाम घोषित किया है। आरोपियों की तलाश में उनके ग्वालियर स्थित ठिकानों पर भी पुलिस दबिश दे चुकी है। जांच के बाद ही प्रकरण दर्ज किया गया था। एक सप्ताह तक केस को जांच में रखा गया था। इस दौरान कोई आरोपी सामने नहीं आया, स्वयं के निर्दोश होने के प्रमाण भी जांच के दौरान उनके द्वारा नहीं दिए गए।