प्रदेश के 21 जिलों के 87 ब्लॉक्स में मंगलवार से चलते फिरते अस्पताल की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को सीएम हाउस स्थित समत्व कार्यालय से 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पीएम जनमन अभियान के तहत ये मोबाइल मेडिकल यूनिट दूरस्थ और दुर्गम इलाकों में पहुंचकर लोगों को सस्ता इलाज मुहैया कराएंगी। आदिवासी और पिछड़ी आबादी वाले इलाकों के 1268 गांवों की 3.12 लाख आबादी को इन चलते-फिरते अस्पतालों से घर बैठे इलाज मिल सकेगा।
स्वस्थ भारत के पीएम मोदी के सपने को साकार करने में यह मील का पत्थर साबित होगी। सीएम डॉ. यादव ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं का सशक्तीकरण सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार चाहती है कि प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज हो। प्रदेश के हर कोने तक उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच हो। इस दिशा में मोबाइल मेडिकल यूनिट अहम भूमिका अदा करेंगी।
इन जिलों में पहुंचेगी मोबाइल मेडिकल यूनिट पीएम जनमन योजना में मोबाइल मेडिकल यूनिट के लिए अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, छिंदवाड़ा , दतिया, डिंडौरी, गुना, ग्वालियर, कटनी, मंडला, मुरैना, नरसिंहपुर, सतना, शहडोल, श्योपुर, सीधी, शिवपुरी, जबलपुर, रायसेन, उमरिया और विदिशा जिले के आदिवासी और दूरस्थ अंचल वाले इलाकों के गांवों को शामिल किया गया है।
एमएमयू में हो सकेंगी 14 तरह की जांचें
एमएमयू में रहने वाली प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ टीम में एक डॉक्टर, नर्स, एएनएम/एमप ीडब्ल्यू, लैब टेक्नीशियन, फिजियोथेरेपिस्ट और ड्राइवर शामिल है। हर यूनिट में 14 तरह की जांचें हो सकेंगी। इसके अलावा 65 प्रकार की जरूरी दवाइयां और 29 प्रकार की स्वास्थ्य सामग्री उपलब्ध रहेगी।
एमएमयू में एक इंसान से दूसरे में फैलने वाले संचारी रोगों के अलावा मूलभूत ओपीडी सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा टीबी, कुष्ठ, मलेरिया, फाइलेरिया जैसी बीमारियों की जांच सुविधा भी शामिल है। प्रसवपूर्व एवं प्रसव उपरान्त जच्चा-बच्चा की देखभाल, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की पहचान, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और गुर्दा रोगों की पहचान, नवजात शिशुओं में जन्मजात विकृतियों की जांच व इलाज सुविधा भी रहेगी। सभी एमएमयू जीपीएस से लैस हैं। एक माह में एमएमयू 24 दिन सेवाएं देगी। इन्हें प्रतिदिन 2 गांवों में लगभग 50 मरीजों का इलाज करने का टारगेट दिया गया है।