मॉस्को । यूक्रेन पर हमले के बाद कई कंपनियां या रूस छोड़ चुकी हैं,या फिर छोड़ने की घोषणा कर चुकी हैं। इसके बाद वहां उन कंपनियों के एसेट्स को जब्त किया जा रहा है। इस लेकर रूस के सबसे अमीर बिजनेसमैन ने क्रेमलिन को चेतावनी देकर कहा है कि इस तरह के कदम से देश 100 साल से ज्यादा पीछे चला जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार मेटल इंडस्ट्री के दिग्गज कंपनी नोरिल्स्क निकेल के अध्यक्ष और सबसे बड़े शेयर धारक व्लादीमीर पोटानिन ने चेतावनी देकर कहा है कि अगर रूस ने पश्चिमी कंपनियों और निवेशकों के लिए दरवाजे बंद किए, तब रूस के 1917 की क्रांति के कठिन दिनों में फिर से पहुंच जाने का खतरा है। उन्होंने रूसी सरकार से संपत्ति की जब्ती के संबंध में अत्यधिक सावधानी बरतने की गुजारिश की।
उन्होंने कहा, सबसे पहले यह हमें 100 साल पीछे 1917 में ले जाएगा और इस तरह के एक कदम का परिणाम हम कई दशकों तक अनुभव होगा। दूसरा यह है कि रूस में संचालन को निलंबित करने का कई कंपनियों का फैसला कुछ हद तक भावनात्मक है और विदेशों में जनता की राय से उन पर बने अभूतपूर्व दबाव की वजह से लिया गया हो सकता है। इसके बाद सबसे अधिक संभावना है कि वह जल्दी ही वापस आ जाएं और व्यक्तिगत रूप से में उनके लिए ऐसा अवसर रखूंगा।
यूक्रेन पर रूसी हमले और प्रतिबंधों के जवाब में दर्जनों अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों ने अपने ज्वाइंट वेंचर, कारखानों, दुकानों और कार्यालयों और अन्य संपत्तियों को रूस में छोड़ दिया है। गोल्डमैन सैक्स और जेपी मॉर्गन ने भी रूस छोड़ने का फैसला किया है। यह दोनों पहले प्रमुख पश्चिमी बैंक हैं, जिन्होंने ऐसा ऐलान किया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि उन्होंने रूस छोड़ने वाली विदेशी कंपनियों का एक्सटर्नल मैनेजमेंट शुरू करने की योजना का समर्थन किया है। क्रेमलिन द्वारा पोस्ट और सरकारी मीडिया पर प्रसारित वीडियो के मुताबिक पुतिन ने कहा है, हमें उन(कंपनियों) के साथ निर्णायक कार्यवाही करने की आवश्यकता है जो अपना उत्पादन बंद करने जा रहे हैं। जरूरी है कि एक्सटर्नल मैनेजमेंट शुरू किया जाए और फिर इन उद्यमों को उन लोगों को ट्रांसफर किया जाए जो काम करना चाहते हैं।