बलौदाबाजार। रेणु ध्रुव पति महेश्वर ध्रुव के साथ मेहनत-मजदूरी करके घर का खर्च चलाती थी। रेणु घर के कामकाज और बच्चों की देखभाल के साथ-साथ सिलाई का काम भी करती हैं। हालांकि उनके पास एक साधारण सिलाई मशीन थी जिससे काम धीमा और थकाऊ हो जाता था। फिर भी वह अपने सपनों को साकार करने की कोशिश में जुटी रहीं। इसी बीच उनके जीवन में एक नई उम्मीद लेकर आई महतारी वंदना योजना। इस योजना के तहत रेणु को हर महीने एक हजार रुपये सहायता राशि मिलने लगी।
महेश्वर ध्रुव ने रेणु ध्रुव को यह राशि उनके सिलाई कार्य में उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। पति-पत्नी ने साथ बैठकर योजना बनाई और जब नौवीं किश्त उनके खाते में आई तो उन्होंने अपनी सिलाई मशीन में इलेक्ट्रिक मोटर लगवा दी। अब उनकी साधारण मशीन एक आधुनिक इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन बन गई।अब सिलाई व्यवसाय में भी तेजी आई है और सुविधा भी हो रही है। नई मशीन के साथ जब रेणु ने पहली बार सिलाई की तो उनकी आँखों में आत्मविश्वास और खुशी झलक रही थी। अब उनका काम न केवल तेज़ हुआ, बल्कि उनका उत्पादन भी बढ़ा।
पहले, जो काम उन्हें पूरा दिन लगता था, अब वह कुछ ही घंटों में निपटा लेती थीं। इससे उनकी आमदनी में इज़ाफा हुआ और घर की आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगी। रेणु ने भावुक होकर कहा, "महतारी वंदना योजना ने मेरे सपनों को उड़ान दी है। मैं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का तहेदिल से धन्यवाद करती हूँ। इस योजना से हम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला है। मेरे पति महेश्वर ने भी मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया, जिसके बिना मैं यह सब नहीं कर पाती।"