भोपाल। मध्यप्रदेश में आज से नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू हो गई है। इसी के साथ राजधानी सहित प्रदेश के कई हिस्सों में आज से प्रापर्टी महंगी हो गई है। लोगों ने पुरानी दरों का फायदा उठाते हुए मार्च महीने के अंतिम दिन गुरुवार को 915 रजिस्ट्रियां कराई।
आज से नई कलेक्टर गाइडलाइन मुताबिक प्रापर्टी पंजीयन की दरों में 5 से लेकर बीस फीसदी तक वृद्धि कर दी गई है। इससे पूर्व वित्तीय वर्ष 2022 -23 का आखिरी दिन होने से गुरुवार को देर रात तक पंजीयन कार्यालय खुले रहे। दरअसल बुधवार को बड़ी संख्या में रजिस्ट्रियां हुई थी।
इसको देखते हुए स्लाट बुक करवाने का समय रात 8 बजे कर दिया था। ऐसे में रात को करीब 11 बजे तक रजिस्टियों के होने का सिलसिला चलता रहा। ऐसे में राजधानी सहित पूरे प्रदेश में यह एक दिन में सर्वाधिक रजिस्ट्री होने का रिकार्ड बन गया। जानकारी के अनुसार नई कलेक्टर गाइड लाइन के आज से लागू होने की वजह से पिछले एक सप्ताह से लगातार रजिस्ट्रियों की संख्या बढ़ती गई। बीच में कई बार सर्वर डाउन भी हुआ, लेकिन बढ़ती हुई संख्या को देख कार्यालयों का समय बढ़ा दिया गया था।
गुरुवार को वित्तीय वर्ष का आखिरी दिन होने की वजह से शहर के पंजीयन कार्यालय परी बाजार, आइएसबीटी में बड़ी संख्या में लोग अपनी जमीन, प्लाट, मकान की रजिस्ट्री करवाने पहुंचे। रजिस्ट्रार कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को देर रात 11 बजे तक करीब 915 रजिस्ट्रियां हुई। साथ ही मध्यप्रदेश में कुल 11705 रजिस्ट्रियां हुईं। यह इस साल का अत्यधिक रजिस्ट्री होने का रिकार्ड है।
वहीं एक दिन में पंजीयन विभाग को 120 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। रजिस्ट्री की संख्या बढ़ने की वजह से सर्वर भी डाउन हो गया। गुरुवार को भी सर्वर की रफ्तार धीमी रही। इस वजह से पंजीयन कार्यालयों में रजिस्ट्री करवाने आए लोगों को एक से डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। रजिस्ट्री करवाने आए रूप सिंह ने बताया कि वह सुबह 11 बजे आए थे। उन्हें करीब एक बजे तक रजिस्ट्री मिली।
वहीं अभिषेक माली ने बताया कि वह दोपहर सवा बारह बजे आए थे। उन्हें रजिस्ट्री करवाने के लिए करीब डेढ़ घंटे का इंतजार करना पड़ा। ज्ञात हो कि एक रजिस्ट्री करवाने में करीब 15 से 20 मिनट का समय लगता है।मध्यप्रदेश पंजीयक विभाग को इस बार 7600 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था।
जिसको पूरा करते हुए पंजीयक विभाग ने पूरे प्रदेश में रजिस्ट्री करते हुए करीब 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। पिछले साल विभाग को 6800 कराेड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था। इस बार इससे 18 प्रतिशत ज्यादा राजस्व मिला है।
इसी तरह एक दिन में भोपाल पंजीयन कार्यालय को करीब 4 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं इस वित्तीय वर्ष में करीब 920 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ हैं। जबकि पिछले साल 808 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। ऐसे में विभाग को 100 करोड़ रुपये अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है।