अपराध रोकने में पुलिस को मिल रही है मदद
भोपाल । राजधानी में घर व दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने का चलन तेजी से बढा है। लोग स्वयं की सुरक्षा के लिए घर व दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगा रहे है। इन कैमरों से पुलिस को भी अपराधों को रोकने में काफी मदद मिल रही है। लड़कियों के साथ होने वाली छेड़खानी, गले से सोने की चेन खींचना, अथवा घर में बाहर खड़ी कारों में आग लगाने की घटना हो। जुलूस पर पत्थर बरसाए जा रहे हो या संवेदनशील इलाकों में असामाजिक तत्वों द्वारा उत्पात मचाया जा रहा हो, ऐसे तमाम मामले राजधानी में हो रहे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा पुलिस की मदद कोई कर रहा है, तो वो है सीसीटीवी कैमरे। अपराध किसी भी तरह का हो, पुलिस सबसे पहले सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देख रही है और कई मामलों में उन्हें इससे मदद भी मिली है। यही वजह है कि राजधानी के लोग बड़ी संख्या में सीटीटीवी कैमरे घर व दुकानों के बाहर लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि भले ही हम अपराध को नहीं रोक सकते, लेकिन कम से कम अपराध होने के बाद अपराधी को पकड़ने में पुलिस की मदद तो कर ही सकते हैं। लोगों की जागरूकता का ही असर है कि राजधानी में बीते एक साल में सीसीटीवी कैमरों की बिक्री लगभग दोगुनी हो गई है।इस बारे में हबीबगंज थाना प्रभारी भानसिंह प्रजापति का कहना है कि ऐसे कई केस होते हैं, जिसमें हमें लोगों के घर या दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे को देखने से अपराधी को पकड़ने में मदद मिली है। कई बार एक्सीडेंट की घटनाएं कैमरों में कैद होती है, तो हमें टक्कर मारने वाले वाहन का नंबर देखने मे आसानी होती है। झगड़ा-मारपीट हो तो फुटेज देख समझ आता है कि किसने पहले मारपीट शुरू की। आज के समय में सीसीटीवी कैमरे लगाना बहुत जरूरी है। इसकी वजह से लोग डरा करते हैं कि कहीं किसी सीसीटीवी कैमरे की नजर में न आ जाएं। वहीं साल्यूशन एंड आई सिक्योरिटी सिस्टम के डीजीआईटी विशाल पालकर का कहना है कि बीते एक साल में सीसीटीवी कैमरा लगाने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है। लोग बहुत जागरूक हो गए हैं। जिनके घर में छोटे बच्चे हैं और उसकी देखभाल के लिए महिला को रखा है, वे घर के अंदर भी कैमरे लगवाते हैं। ये कैमरे न केवल चोरी, लूट आदि के अपराधियों को पकड़वाने में मददगार हैं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी हैं।