भोपाल। प्रदेश भर में शुक्रवार से पांचवीं व आठवीं के बच्चों की आफलाइन परीक्षाएं शुरु हुई। कोरोना संकट के चलते दो साल बाद हो रही इन परीक्षाओं को लेकर बच्चों में भारी उत्साह देखने को मिला। कोविड काल के कारण दो साल से पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों पर परीक्षा का दबाव नहीं था, लेकिन इस बार कोरोना का प्रकोप लगभग खत्म होने के बाद पांचवीं व आठवीं के बच्चों की आफलाइन परीक्षाएं ली जा रही हैं।
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध शासकीय व निजी स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं शुक्रवार से बोर्ड की तर्ज पर शुरू की गई है। सुबह 9 बजे से पहला पेपर प्रारंभ हुआ, जिसके लिए बच्चे सुबह 8 बजे तक केंद्र पर पहुंच गए थे। स्कूलों में परीक्षा को लेकर बच्चों के अंदर उत्साह नजर आ रहा है। राजधानी भोपाल में परीक्षा केंद्रों पर बच्चों को प्रवेश पत्र देखने के बाद प्रवेश दिया गया। परीक्षा कक्ष में बैठक व्यवस्था इस प्रकार की गई कि बच्चों के बीच पर्याप्त दूरी रहे।
प्रदेश भर में दोनों कक्षाओं में करीब 18 लाख बच्चे इन परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं। इन परीक्षाओं के लिए करीब 30 हजार केंद्र बनाए गए हैं। ये परीक्षाएं 9 अप्रैल तक चलेंगी। वहीं बच्चों का प्रोजेक्ट वर्क 31 मार्च तक पूरा करा लिया गया है। हालांकि इस परीक्षा को बोर्ड परीक्षा नहीं कहा जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी किए थे।इन परीक्षाओं की कापियों के मूल्यांकन को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
दोनों कक्षाओं में प्रत्येक विषय 100 अंक का होगा। परीक्षा में 60 अंक का लिखित प्रश्नपत्र और 40 अंक प्रोजेक्ट बेस्ड होगा। विद्यार्थी को प्रत्येक विषय में 33 फीसद अंक लाना अनिवार्य होगा, नहीं तो अनुत्तीर्ण कर उसी कक्षा में रोका जाएगा। उसे दुबारा उसी क्लास में पढ़ना होगा।
अगर कोई विद्यार्थी 33 फीसद अंक नहीं ला सकेंगे, उनकी परीक्षा दो माह बाद फिर से ली जाएगी। इस दौरान शिक्षक उनकी अलग से कक्षा लगाएंगे। परीक्षा में जो भी सवाल गलत होंगे। उन्हें पढ़ाएंगे। हालांकि अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए दो माह बाद पुन: परीक्षा ली जाएगी। फेल विद्यार्थियों को दो माह तक तैयारी कराई जाएगी। इसके बाद परीक्षा ली जाएगी। इस वार्षिक परीक्षा में जिस विषय में जो सवाल गलत होगा। उसे क्लास में शिक्षक समझाएंगे और बतलाएंगे।