भोपाल । राज्य सरकार लोगों को ठगने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ अभियान तेज करने जा रही है। ऐसी कंपनियों से अभी तक 207 करोड़ से अधिक की वसूली की गई है। पिछले डेढ़ वर्ष में की गई कार्रवाई में एक हजार से अधिक लोगों को आरोपित बनाया गया है। इतना ही नहीं, इस दौरान कई चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क की गई। प्रदेश के कई जिलों में चिटफंड कंपनियों ने लोगों को कई गुना मुनाफे का लालच देकर करोड़ों रुपये का निवेश करवाया था।
कंपनियों ने गांवगांव तक अपने एजेंट नियुक्त किए और निवेश की रकम लेकर कंपनियां बंद कर दीं।शिकायतों के आधार पर पुलिस ने वर्ष 2020 में 222 प्रकरण में 915 और 2021 में 413 लोगों को आरोपित बनाया और उनके खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न् धाराओं में केस दर्ज किया। इस दौरान चिटफंड कंपनियों ने निवेशकों को 207 करोड़ रुपये से अधिक लौटाए। एक बड़ी कंपनी सहारा इंडिया द्वारा भी प्रदेश में 618 करोड़ स्र्पये निवेशकों को लौटाए गए हैं। सीएम ने दिए हैं सख्त निर्देश गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी समीक्षा बैठकों में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
बताया गया है कि अब प्रतिमाह चिटफंड कंपनियों पर की जा रही कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री की कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में हर बार इसकी प्रगति रिर्पोट की समीक्षा की जा रही है। मालूम हो कि राज्य सरकार की ओर से अभी तक ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की गई उनमें सागर जिले की सागर क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी की 40.41 हेक्टेयर भूमि कुर्की का आदेश, रीवा जिले की सांई प्रकाश प्रापर्टी लिमिटेड की 42 एकड़ जमीन कुर्क करने का आदेश पारित, मंदसौर जिले की हलधन रियल्टी इंडिया लिमिटेड की डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने का आदेश पारित, ग्वालियर जिले की सक्षम डेयरीज और सन इंडिया प्रा.लि. की चार करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने का आदेश पारित, देवास जिले की मालवांचल कंपनी की 11 करोड़ की संपत्ति कुर्क।
29 जनवरी को इस संपत्ति की नीलामी की तारीख तय की गई है। नीमच जिले की फ्यूचर मेकर लाइफ केयर प्रा.लि. कंपनी के साढ़े पांच करोड़ रुपये फ्रीज किए गए। बड़वानी जिले की बीएन गोल्ड, आरकेआर, गुरु सांई रियल एस्टेट कंपनी की 5 करोड़ 47 लाख स्र्पये मूल्य की संपत्ति कुर्क करने का आदेश पारित किया गया। इस बारे में गृह मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश भर में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया गया है। इसके परिणाम भी बेहतर आए हैं। पीड़ित लोगों को उनकी राशि दिलवाने में भी पुलिस ने काफी बेहतर कार्य किया है।