बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और मंदिरों को निशाना बनाए जाने के विरोध में मंडीदीप के उद्यमियों ने बड़ा फैसला लिया है। अब वे बांग्लादेश को उत्पाद निर्यात नहीं करेंगे। देशभक्ति की भावना से प्रेरित होकर उद्यमियों ने सामूहिक रूप से यह कदम उठाया है। उन्होंने इस फैसले से सरकार को भी सूचित कर दिया है।
इस निर्णय से मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र के करीब 800 करोड़ रुपए के वार्षिक निर्यात पर असर पड़ेगा, लेकिन उद्यमियों ने स्पष्ट किया है कि देश की प्रतिष्ठा और नागरिकों की सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है। मंडीदीप से 27 प्रकार के उत्पाद बांग्लादेश को निर्यात किए जाते हैं।
बांग्लादेश के बजाए ताइवान, कतर और दुबई भेजेंगे उत्पाद उद्यमियों ने निर्णय लिया है कि इन उत्पादों को अब ताइवान, कतर और दुबई जैसे अन्य देशों में निर्यात किया जाएगा। डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में मंडीदीप से बांग्लादेश को 784 करोड़ 41 लाख 52 हजार 901 रुपए के उत्पाद भेजे गए थे।
ट्रैक्टर, बर्तन जैसे 27 प्रकार के ये उत्पाद होते हैं निर्यात मंडीदीप से बांग्लादेश को निर्यात होने वाले उत्पादों में कॉटन, ट्रैक्टर, रोड व्हीकल एंड पार्ट्स, मैकेनिकल मशीनरी, मानव निर्मित फाइबर, प्लास्टिक और उससे बनी वस्तुएं, ऑर्गेनिक केमिकल्स, गिलास के बर्तन, ऑप्टिकल और चिकित्सा उपकरण, एल्युमिनियम और तांबे से बनी वस्तुएं, कागज और पेपरबोर्ड, स्टील, फर्नीचर और कई अन्य औद्योगिक उत्पाद शामिल हैं।
बांग्लादेश को मेन नहीं, एडिशनल मार्केट मानते हैं उद्यमी, 95% उत्पाद दूसरे देशों में निर्यात हाेता है
एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज मंडीदीप (एएआईएम) के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने बताया कि बांग्लादेश हमारे लिए मुख्य बाजार नहीं, बल्कि एक अतिरिक्त बाजार है। हमारे 95% उत्पाद अन्य देशों में निर्यात होते हैं। बांग्लादेश को माल न भेजने से कारोबार पर बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘देश सर्वोपरि है। हमने बांग्लादेश को उत्पाद न भेजने का सामूहिक निर्णय लिया है।