भोपाल । बरकउल्ला विश्वविद्यालय में पुलिस के प्रवेश को लेकर छात्रों ने जमकर हंगामा मचाया। छात्रों ने इसके विरोध में कुलपति निवास का घेराव कर दिया। देर रात तक विरोध प्रदर्शन चलता रहा। मौके पर मौजूद पुलिस ने विरोध कर रहे छात्रों को खदेड़ दिया।
छात्र संगठन एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि दलित छात्रों के साथ पुलिस ने मारपीट की गई है। इधऱ्, पुलिस मारपीट से इंकार कर रही है। पुलिस का कहना कि बीयू में पढ़ रहे एक छात्र के साथ हुई मारपीट के मामले में पुलिस आरोपी स्टूडेंट्स को नोटिस तामील कराने पहुंची थी। इससे छात्र पुलिस पर दबाव बनाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट सचिन बरखने ने बीयू हास्टल में रहने वाले छात्र रोहित, मनीष समेत पांच के खिलाफ पुलिस से मारपीट की शिकायत दर्ज कराई थी। इसको लेकर पुलिस पांचों छात्रों को नोटिस तामील कराने शुक्रवार रात हॉस्टल में पहुंची।
छात्रों से पुलिस ने मारपीट करने वाले छात्रों के नाम पूछना शुरू किया। लेकिन, कोई नाम नहीं बताया। इस पर पुलिस ने सख्ती दिखाई तो छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद घटना की जानकारी लगने के बाद एनएसयूआई के छात्र नेता भी पहुंच गए।
छात्रों ने कुलपति निवास का घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने इन्हें कुलपित निवास से खदेड़ दिया। एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बीयू के दलित छात्रों के साथ मारपीट की है। जो पुलिस कर्मी बीयू में आये वे नशे की हालत में थे। उन्होंने दलित छात्रों से 5000 हजार मांग की मांग की थी। पैसे देने से इंकार करने पर पुलिस ने छात्रों के साथ मारपीट शुरू कर दी।
नोटिस तामील कराने गई पुलिस
बागसेवनिया थाना प्रभारी संजीव चौकसे ने बताया कि छात्र सचिन ने मारपीट की शिकायत की थी। सचिन का कहना था कि बैग रखने के विवाद में उसके साथ रोहित, मनीष समेत पांच साथी छात्रों ने मारपीट की है। इस पर पुलिस केस दर्ज कर मारपीट करने वाले छात्रों को नोटिस देने हॉस्टल पहुंची थी। लेकिन, छात्र हंगामा करने लगे। वह पुलिस पर दबाव बनाने लगे।