भोपाल । प्रदेश के कॉलेजों में एमबीबीएस/बीडीएस की सीटों का आवंटन आगामी नौ मार्च को होगा। सरकारी और निजी कॉलेजों में प्रवेश के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग प्रक्रिया जारी है। पहले चरण की दाखिले की प्रक्रिया पूरी होने के बाद डेंटल कालेजों में बीडीएस की 890 सीटें खाली हैं।
इसके अलावा प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 199 सीटें खाली हैं। इनमें सबसे ज्यादा 53 सीटें इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में खाली हैं। इसके बाद गांधी मेडिकल कॉलेज में 15 और रीवा के एसएस मेडिकल कॉलेज में 13 सीटें खाली हैं।
निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 637 सीटें खाली हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 150 सीटें इंदौर के एलएनसीटी मेडिकल कॉलेज में खाली हैं। यहां ज्यादा सीटें खाली रहने की वजह यह है कि इस कॉलेज को मान्यता देर से मिली है। सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में एमडी/एमएस कोर्स में दाखिले के लिए दूसरी चरण की काउंसलिंग प्रक्रिया के बाद सीटें आवंटित कर दी गईं। हैं। एमडी/एमएस कोर्स संचालित करने वाले प्रदेश के छह सरकारी मेडिकल कालेजों की कुल 429 सीटों में से अभी भी 74 सीटें आवंटित नहीं हो पाई हैं।
इस संदर्भ में चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने कहा कि इनमें ज्यादातर सीटें गैर चिकित्सकीय विषयों की हैं। इनमें अधिकतर आरक्षित श्रेणी की हैं। इसके अलावा निजी मेडिकल कालेजों में एमडी/एमएस कोर्स की 180 सीटें दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद आवंटित होने से बच गई हैं। इस तरह सरकारी और निजी कालेजों की मिलाकर 254 सीटें अभी खाली हैं। इन्हें भरने के लिए मापअप राउंड शुरू किया गया है।