राज्य सरकार ने पहले ही प्रदेश के 7 लाख 50 हजार से अधिक कर्मचारियों को डीए (महंगाई भत्ता) देने में 10 महीने लगा दिए और अब एरियर देने में खुद तय समय सीमा का पालन नहीं कर रही है। डीए के एरियर की दिसंबर में मिलने वाली पहली किस्त कर्मचारियों को अब तक नहीं दी गई है। जबकि दिसंबर के अब दो दिन ही शेष हैं। इसे लेकर कर्मचारियों में नाराजगी व्याप्त है। वे कहते हैं कि ऐसा करना सरकार का शगल बन गया है। पहले तो समय से डीए-डीआर नहीं देती है और बाद में एरियर की किस्तें समय से नहीं दी जाती है।ये व्यापारियों जैसा व्यवहार है, जो ठीक नहीं है। अब 31 दिसंबर से पहले पहली किस्त दे दे।
राज्य सरकार ने जनवरी 2024 से मिलने वाला 4% डीए दिवाली के ठीक पहले 28 अक्टूबर को दिया। तब कहा गया कि 9 माह (सितंबर तक) का एरियर दिया जाएगा और अक्टूबर का डीए वेतन में मर्ज कर दे देंगे पर ऐसा नहीं हुआ। दिवाली के कारण 25 अक्टूबर से ही वेतन वितरण शुरू हो गया था। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि राज्य सरकार डीए अलग से देगी पर ऐसा भी नहीं हुआ। आखिर कर्मचारियों को अक्टूबर से बढ़े हुए डीए का लाभ ही नहीं मिला। अब 10 महीने का डीए बाकी हो गया। जिसे 4 किस्तों में दिया जाना है। वित्त विभाग ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि दिसंबर 2024 में डीए की पहली किस्त दे दी जाएगी। फिर भी कर्मचारी महीनेभर से पहली किस्त का इंतजार कर रहे हैं।
कोषालय की वेबसाइड का खेल
कोषालय की वेबसाइड का भी अपना ही खेल है। ऐसे मौकों पर वेबसाइड काम नहीं करती है। अब भी यही हो रहा है। कहने को तो सरकार दिसंबर में डीए की पहली किस्त दे रही है, पर कोषालय की वेबसाइड खुल ही नहीं रही है, तो बिल कैसे लेगें। जब बिल ही नहीं लगेंगे, तो भुगतान कैसे होगा। कर्मचारी नेता कहते हैं कि यह भी जांच का विषय है कि जब कर्मचारियों को आर्थिक लाभ देने की बारी आती है, वेबसाइड ठप हो जाती है। इसकी तो जांच होनी चाहिए।
जुलाई 2023 से दिए गए डीए में भी ऐसा हुआ
केंद्र सरकार ने जुलाई 2023 से अपने कर्मचारियों को 4% डीए दिया था, जो मप्र सरकार ने 14 मार्च 2024 को दिया। अंतर की अवधि का डीए किस्तों में मिलना था और पहली किस्त जुलाई 2024 में दी जाना थी, जो समय पर नहीं दी गई।