भोपाल । मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह डॉ. गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष होंगे। बताया जा रहा है कि अगले साल मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस ने यह बदलाव किए हैं।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के हाथों जारी हुए पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर आपका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। पार्टी आपके योगदान की प्रशंसा करती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने डॉ. गोविंद सिंह को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाने के प्रस्ताव पर भी मंजूरी दे दी है। डॉ. गोविंद सिंह वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं।
नई जिम्मेदारी मिलने के बाद गोविंद सिंह ने कहा कि मेरे पास पहले भी दायित्व था। नेता प्रतिपक्ष बनने से पंख नहीं लग गए। मैं विपक्ष की भूमिका निभाता था, निभाता रहूंगा और सरकार की गलत नीतियों का विरोध मजबूती के साथ करूंगा। सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने इस्तीफा नहीं दिया। उन्होंने कार्य का बंटवारा किया है। उन्होंने मुझ पर विश्वास कर सहयोगी बनाया है। मैं उनका शुक्रगुजार हूं। उनके मार्गदर्शन में विपक्ष की भूमिका निभाऊंगा।
गोविंद सिंह सात बार से विधायक
गोविंद सिंह की बात करें तो वे सात बार से विधायक हैं और कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं। ऐसे में उन्हें नेता प्रतिपक्ष की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन उनकी नियुक्ति पर अभी से राजनीति शुरू हो चुकी है। बीजेपी ने इसे कांग्रेस की कोरी राजनीति करार दिया है क्योंकि उनकी नजरों में पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए किसी एससी, एसटी या ओबीसी वर्ग से नहीं चुना है।
ऐसे में इस समाज के लिए ये बड़ा अपमान है। वैसे गोविंद सिंह को दिग्विजय सिंह का भी करीबी माना जाता है। इसलिए उनकी नियुक्ति राज्य की राजनीति में कमलनाथ के लिए भी कई समीकरण बदल सकती है। अभी के लिए कमलनाथ पीसीसी चीफ रहने वाले हैं, उस पद से उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है।