भोपाल । सातवें वेतनमान का एरियर देने की मांग कर रहे गांधी मेडिकल कालेज (जीएमसी) के डॉक्टरों से पांचवे दिन भी चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से बातचीत करने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया है। नाराज चिकित्सकों का 29 मार्च से आंदोलन चल रहा है। वहीं डीन डा. अरविंद राय ने जरूर जल्दी एरियर दिलाने का भरोसा दिलाया है, लेकिन डाक्टर ठोस समाधान की मांग पर अड़े हैं।
दूसरे मेडिकल कालेज के चिकित्सक भी इस मामले में जीएमसी के डाक्टरों के साथ हैं।जीएमसी चिकित्सा शिक्षक संघ ने तय किया है कि सोमवार से दोपहर 12 से दो बजे के बीच दो घंटे के लिए ओपीडी बंद रखेंगे। उन्होंने गुरुवार और शुक्रवार को एक-एक घंटे के लिए ओपीडी में सेवाएं नहीं दी थीं। अब सोमवार से दो घंटे ओपीडी बंद होने से मरीजों की परेशानियां बढ़ना तय है।
इस दौरान ओपीडी में सीनियर रेसीडेंट या जूनियर डाक्टर ही मिलेंगे। डीन का कहना है कि सर्विस बुक का सत्यापन नहीं हो पाने की वजह से एरियर भुगतान में दिक्कत आई है। इसमें यह देखा जाता है कि जो वेतनमान मिला है, वह सही है या नहीं। ट्रेजरी द्वारा यह काम किया जाता है।
सत्यापन करीब छह महीने पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन वित्त विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस मुद्दे पर बातचीत नहीं होने की वजह से यह मामला अटका हुआ था। अब डाक्टरों ने आंदोलन शुरू किया तो सत्यापन भी शुरू हो गया है। सोमवार तक यह काम पूरा हो जाएगा। डीन के आश्वासन के बाद भी चिकित्सा शिक्षक आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
उनका कहना है कि विदिशा में छह महीने पहले यह काम हो गया था, लेकिन एरियर अभी मिला है। ऐसे में सत्यापन का यह मतलब नहीं कि एरियर मिल जाएगा। इस बारे में जीएमसी चिकित्सा शिक्षक संघ के सचिव डा. अविनाश ठाकुर का कहना है कि सत्यापन का काम छह महीने पहले किया जा सकता था। मार्च अंत तक भी हो जाता है तो पिछले वित्तीय वर्ष के बजट से भुगतान हो सकता था। सिर्फ डीन से इस संबंध में बात हुई है, लेकिन जब तक कोई ठोस हल नहीं निकलता, आंदोलन जारी रहेगा।