भोपाल । अपनी मांगों को लेकर भारतीय मजदूर संघ सात मार्च को राजधानी में जंगी प्रदर्शन करने जा रहा है। संगठन ने इसकी तैयारियां कलियासोत मैदान में शुरू कर दी हैं। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी, मजदूर, किसान समेत सभी क्षेत्रों के संगठित कामगारों से जुड़ी 57 प्रमुख मांगों को उठाया जाएगा। बीएमएस के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।
इसके कारण प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। संगठन की प्रमुख मांगों में स्थायी कर्मी, संविदाकर्मी, निगम मंडल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के कर्मचारियों को नियमित नहीं किया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे पोषण एप में शामिल कमियां दूर नहीं की जा रही, जिसकी वजह से मैदानी कर्मचारियों को परेशान होना पड़ रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय कम है, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मान जनक वेतन नहीं मिल रहा है। रसोईयों का शोषण जारी है।
पदोन्न्ति नहीं की जा रही है, जिसकी वजह से अधिकारी, कर्मचारी बिना पदोन्न्ति के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सभी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों से वृत्तिकर वसूला जा रहा है, जिसे बार-बार अनुरोध करने के बावजूद बंद नहीं किया गया। विभागों में अनुकंपा नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया को सरल नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से पीड़ित परेशान हैं। पुरानी पेंशन योजना बंद किए जाने से कर्मचारियों के भविष्य को खतरा बढ़ता जा रहा है।
नई पेंशन योजना बंद की जावे। पुरानी चालू करें। सरकारी तालाबों में मछली पालन व सिंघाड़े की खेती की अनुमति मूल माझी समाज के लोगों को दी जाए। मंडी हम्माल के हितों की रक्षा नहीं की जा रही है, तुलावटियों के अधिकार भी छीने गए हैं। मनरेगा में मजदूरों को केवल 100 दिन का रोजगार दिया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 250 दिन किया जाए।
विभागों में ठेका प्रथा व आउटसोर्स प्रथा चालू है जिसके कारण कर्मचारियों का शोषण बढ़ा है। कृषि विभाग में किसान दीदी व संविदा कर्मियों के हितों की चिंता नहीं है। उन्हें 25 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाए। बता दें कि प्रदेश में इस प्रदर्शन की चर्चा शुरू हो गई है। आमतौर पर शुरू से ही बीएमएस को भाजपा व सरकार के प्रति सहानुभूति वाले संगठन के रूप में देखा जाता रहा है। अब वही बीएमएस अपने पर्चे में भोपाल चलो-भोपाल चलो के नारे छपवा रहा है।
इतना ही नहीं, सात मार्च को बुलाए जाने वाले जंगी प्रदर्शन के बैनर पोस्टरों में साफ लिखा है कि मौजूदा सरकार ने समय-समय पर श्रमिकों, कर्मचारियों, किसानों की मांगों के समाधान को लेकर वचन तो खूब दिए हैं, लेकिन इस दिशा में कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसी के विरोध में यह प्रदर्शन बुलाया जा रहा है।