भोपाल । मध्यप्रदेश में गर्मी के तीखे तेवर होने के साथ ही पानी की समस्या भी विकराल रुप धारण करती जा रही है। खासकर कई ग्रामीण क्षेत्रों की हालत बेहद खराब है। इन इलाकों में निस्तार के लिए पानी तो छोडिए लोगों को पीने के लिए भी साफ पानी नहीं मिल रहा है।
मध्यप्रदेश के गांवों में 18608 हैंडपंप, 1681 सिंगल फेस मोटर खराब हैं तो 1011 नलजल योजनाएं बंद हैं। हैंडपंप ग्राम पंचायत स्तर पर सुधारे जा सकते हैं, पर 12134 हैंडपंपों में पानी ही नहीं है। गांवों में पानी के इंतजाम का जिम्मा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) का है।
पंचायतों ने इसकी लिखित सूचना विभाग को दे दी है, लेकिन पानी के नए स्रोत तैयार करने की फाइलें आगे नहीं बढ़ रही हैं। नतीजा ग्रामीणों को निजी ट्यूबवेल मालिकों से पानी लेना पड़ रहा है।प्रदेश में पांच लाख 57 हजार 185 हैंडपंप हैं। पीएचई की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 18608 हैंडपंप खराब हैं। 3369 सुधारे जा सकते हैं, पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि, 3105 हैंडपंप सुधार योग्य ही नहीं हैं।
ऐसे ही हालात सिंगल फेस मोटर को लेकर हैं। 1,681 सिंगल फेस मोटर खराब होने से इतने ही गांवों में पेयजल व्यवस्था ठप हो गई है। इनमें से 992 मोटर सुधार योग्य नहीं हैं। 444 के पंप खराब हैं। 53 सिंगल फेस मोटर ऐसी भी हैं, जिन्हें पंचायत ही नहीं चला रही हैं।
वहीं ग्रामीण अंचल में 16572 नल-जल योजनाएं संचालित हैं। इनमें से 1011 बंद हैं। एक केबल चोरी होने के कारण बंद है तो 38 योजनाएं इसलिए बंद हैं क्योंकि उनकी बिजली कट गई है। स्थायी कनेक्शन न मिलने के कारण 14, गांव की बिजली कटने के कारण एक, ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण 32 और वोल्टेज की समस्या होने के कारण 22 नल-जल योजनाएं बंद हैं। पानी की समस्या के चलते जिला प्रशासन को छह ट्यूबवेल अधिग्रहित करने पड़े हैं।
सिवनी जिले के पांच गांवों के लिए पांच और कटनी जिले के एक गांव का ट्यूबवेल अधिग्रहित किया गया है। यह कार्रवाई ट्यूबवेल मालिकों की सहमति से हुई है। राजधानी से 15 किमी दूर ग्राम झागरिया में पठार पर बसी बस्ती के बाशिंदों को निजी ट्यूबवेल से पानी खरीदना पड़ रहा है।
बस्ती में पानी का स्रोत नहीं है। ऐसे में वे नजदीक के खेत से पानी लाते हैं। इतने पर भी पानी तब मिल पाता है, जब खेत मालिक वहां उपस्थित हो। गांव के प्रहलाद सिंह ने बताया कि पंचायत ने पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ग्राम इमलिया में एक भी हैंडपंप नहीं हैं। पानी के लिए पाइप लाइन बिछाई गई है, पर पर्याप्त सप्लाई नहीं हो रही है।