भोपाल । दिग्विजय सिंह ने खुद के ऊपर दर्ज एफआईआर के मामले में कहा कि सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ बोलने से अगर मेरे खिलाफ एक नहीं एक लाख भी एफआईआर दर्ज हो जाए तो मुझे अफसोस नहीं है। जो मेरा ट्वीट था उसमें भी मैंने प्रश्न ही पूछा था, वो तस्वीर खरगोन की नहीं थी इसलिए मैंने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया। भाजपा मेरे खिलाफ नहीं पूरे देश के खिलाफ एजेंडा चला रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को बिहार के एक फोटो को खरगोन का बता कर ट्वीट किया और फिर उसे डिलीट कर दिया। फोटो में एक युवक धार्मिक स्थल पर भगवा झंडा लगा रहा था। इस मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल क्राइम ब्रांच में कूटरचित दस्तावेज से धार्मिंक उन्माद फैलाने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। इसके बाद ग्वालियर, जबलपुर और नर्मदापुरम में भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
एफआईआर दर्ज होने को लेकर दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ बोलने पर कितने ही मामले दर्ज हो जाए, मुझे फर्क नहीं पड़ता। दिग्विजय सिंह से ट्वीट डिलीट करने को लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि वह फोटो खरगोन की नहीं थी। इसलिए मैंने ट्वीट डिलीट कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में बीजेपी का एजेंडा चल रहा है। मेरे खिलाफ भी चले तो मुझे फर्क नहीं पड़ता।
क्या इस देश में अब प्रश्न पूछना भी गुनाह हो गया
वहीं, दिग्विजय सिंह ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई देते हुए ट्वीट भी किया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरे परिचित ने अनेक चित्र और वीडियो के साथ इस चित्र को भी साझा किया था।
मैंने अपने ट्वीट में इस आधार पर किसी भी भी धार्मिक स्थल पर हथियार लेकर झंडा लगाने के औचित्य पर प्रश्न किया था। उसके बाद बीजेपी की शिकायत पर मेरे खिलाफ तमाम धाराओं में केस दर्ज किए गए। हालांकि इस चित्र के बारे में मुझे जैसे ही जानकारी मिली कि यह बिहार के मुजफ्फरपुर का है।
मैंने तत्काल अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन मेरे प्रश्न खरगोन दंगे के बारे में यथावत रहेंगे। दिग्विजय सिंह ने प्रश्न किया कि क्या इस देश में अब प्रश्न पूछना भी गुनाह हो गया है? विपक्ष के नेता के रूप में क्या हम अपने देश/ प्रदेश की जनता के एक वर्ग के खिलाफ बन रहे ऐसे माहौल पर सवाल नहीं कर सकते?
क्या बगैर नोटिस और बगैर जांच परख के अपने विरोधियों पर बुलडोजर हमला न्यायसंगत है? क्या लोकतंत्र अब एकतरफ राजनीतिक विचार से ही चलेगा? वहीं, दिग्विजय सिंह के गलत ट्वीट को लेकर एफआईआर होने पर पूर्व मंत्री और उनके बेटे जयवर्धन सिंह ने कहा कि दिग्विजय सिंह को जैसे ही पता चला ये गलत जानकारी है। उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। बात यही खत्म हो गई। लेकिन पता नहीं भाजपा सरकार को उनसे क्या परेशानी है।