भोपाल नगर निगम परिषद की मीटिंग की तारीख तय नहीं होने से सियासत गरमा गई है। कांग्रेस पार्षद खुलकर 'शहर सरकार' पर आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच गुरुवार शाम को एमआईसी (मेयर इन कौंसिल) की मीटिंग शुरू हुई, लेकिन इसमें स्वच्छता प्रभारी देवेंद्र सिंह चौहान को हटाने को लेकर अफसर और नेताओं में बहस हो गई। इससे मीटिंग को अधूरा ही छोड़ दिया। शुक्रवार शाम को फिर यह मीटिंग होगी।
जानकारी के अनुसार, कुछ एमआईसी मेंबर और पार्षद स्वच्छता शाखा के प्रभारी अपर आयुक्त चौहान के रवैये से नाराज हैं। उनका कहना है कि चौहान जनप्रतिनिधियों के मोबाइल कॉल रिसीव नहीं करते। इसके चलते गुरुवार को एमआईसी मीटिंग की शुरुआत में ही यह मुद्दा उठ गया।
सूत्र बताते हैं कि निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण यादव ने चौहान को बदलने से यह कहते हुए मना कर दिया कि स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीम आने वाली है। ऐसे में अचानक प्रभारी नहीं बदल सकते। इसके बाद मीटिंग को अधूरा छोड़ दिया और महापौर समेत एमआईसी मेंबर हाईमास्ट का लोकार्पण करने निकल गए। इसलिए यह मीटिंग शुक्रवार को फिर रखी गई है।
2 महीने में होनी चाहिए थी, 3 महीना बीता इधर, नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा कि परिषद की पिछली मीटिंग 2 सितंबर को हुई थी। नियमानुसार अगली मीटिंग 2 नवंबर को होनी चाहिए थी, लेकिन अब 35 दिन से ज्यादा समय बीत चुका है। इसके बावजूद न तो मीटिंग की तारीख तय हुई है और न ही कोई एजेंडा सामने आया है। यह नियमों का उल्लंघन है।
जनता के मुद्दों को शामिल नहीं करते कांग्रेस पार्षद योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान ने बताया कि मौजूदा परिषद की अब तक हुई सभी बैठकें केवल औपचारिकता मात्र रही हैं। इनमें जनता के मुद्दों को शामिल नहीं किया गया। जनता के मुद्दों को उठाने के लिए ही बैठक जल्द कराने की मांग की जा रही है। इस मामले में निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने कहा कि जल्द ही मीटिंग की तारीख तय होगी।