गुना । अक्षय तृतीया व अन्य विवाह समारोह में बाल विवाह रोकने हेतु कलेक्टर गुना फ्रेंक नोबल ए. द्वारा बाल विवाह रोकने हेतु विकासखण्ड स्तर पर तहसीलदार की अध्यक्षता में एवं शहरी क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है। उक्त समिति में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी आईसीडीएस, बीआरसी, बीएमओ एवं समिति में थाना प्रभारी शामिल है।
कलेक्टर द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि जिले मे कोई बाल विवाह न हो, इस हेतु दलों द्वारा नियमित भम्रण किया जावे तथा ग्राम स्तर के अमले को सक्रिय किया जावे। बाल विवाह रोकने हेतु पुलिस का भी सहयोग लिया जावे साथ ही विवाह समारोह आयोजित करने वाले आयोजकों से अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा इस आशय का शपथ पत्र लिया जावे की सामूहिक विवाह समारोह से कोई भी बालक जिसकी आयु 21 वर्ष से कम है तथा बालिका की आयु 18 वर्ष से कम है, उस जोडे़ को शामिल न किया जावे। आयोजक बालक-बालिकाओं के आयु संबंधी प्रमाण पत्र लेना सुनिश्चित करें। यदि समारोह में बाल विवाह पाया जाता है तो आयोजकों पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
इसी क्रम में अनुविभागीय अधिकारी गुना वीरेन्द्र सिंह बघेल के निर्देश पर ग्राम पंचायत धनबाड़ी के ग्राम इकोदिया के कॉलोनी मोहल्ले में छोटू उर्फ रूपनारायण पिता रमेश सहरिया के यहां हो रहे बाल विवाह को प्रशासन द्वारा सूचना मिलने पर मौके पर ही तत्काल रुकवाया गया। साथ ही माता-पिता के कथन लिए गए एवं पंचनामा तैयार कर सभी को समझाइश दी गई। जिस पर माता-पिता द्वारा सहमति दी गयी। उन्होंने सहमति देते हुए बताया कि जब तक उनके बेटे की आयु 21 वर्ष पूर्णं नही हो जाती तब तक वह उसका विवाह नही करेंगे। दस्तावेजों में भी बालक की उम्र 21 वर्ष से कम पायी गयी। जिला प्रशासन की सजगता से बाल विवाह रुकवाया गया। उक्त कार्यवाही के दौरान नायब तहसीलदार, पटवारी, कोटवार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाईजर, सहायिका आदि उपस्थित रहे।
इसी प्रकार बाल विवाह के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए रूप नारायण जिसकी बारात आज ग्राम सुनाज बीरो तहसील कोलारस जिला शिवपुरी जा रही थी, को भी बाल विवाह की सूचना पर मौके पर ही रोक गया एवं आवश्यक कार्यवाही की गयी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा बाल विवाह कराने का प्रयास किया गया तो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। जिसमे आयोजकों पर 2 वर्ष की सजा एवं एक लाख रूपये दण्ड का प्रावधान है।
कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. द्वारा जिलेवासियों से पुन: अपील की गई की बाल विवाह न करें। बच्चों को पढा़यें-लिखायें, सक्षम बनायें तथा कानूनी उम्र प्राप्त करने के पश्चात ही विवाह करायें।