भोपाल । प्रदेश की राजधानी भोपाल से दिल्ली, मुंबई सहित बड़े शहरों का स्पाट फेयर डेढ़ गुना तक बढ़ गया है। कोराना वायरस महामारी के कारण दो साल तक परेशानियों के दौर से गुजर चुकी एयरलाइंस कंपनियों के अच्छे दिन वापस आ गए हैं। गर्मी की छुटटी के कारण यात्रियों की संख्या बढी तो विमानन कंपनियों ने बडे शहरों का किराया भी बढा दिया है। प्री-बुकिंग कराने पर यात्रियों को थोड़ी राहत मिल जाती है।
कोरोना संकट के कारण एयरलाइंस कंपनियों को अपनी उड़ानों के फेरे कम करने पड़े थे। कुछ समय के लिए उड़ानें बंद भी करनी पड़ी थी। अब यह बीते दिनों की बात हो चुकी है। लोग परिवार के साथ घूमने निकल रहे हैं। विमान से सफर करना अब सामान्य बात होती जा रही है। अच्छी बुकिंग के कारण ही किराया बढ़ रहा है। विमान किराया प्रारंभ से ही यात्रियों की संख्या के आधार पर तय होता आया है, जिस तरह कुछ टे्रनों में डायनामिक फेयर लिया जाता है उसी तरह विमान में भी बुकिंग बढ़ने पर किराया बढ़ जाता है।
अंतिम दिन का किराया यानि स्पाट फेयर तो डेढ़ से दो गुना तक होता है। यदि किसी उड़ान में सीटों की बुकिंग कम हुई तो कई बार अंतिम समय में सामान्य से कम किराये में भी बुकिंग कर ली जाती है, लेकिन सीजन के समय में ऐसा बहुत कम ही होता है। एयर इंडिया ने हाल ही में अपनी सुबह की दिल्ली एवं मुंबई उड़ान अस्थायी रूप से बंद कर दी है। दिल्ली से भोपाल आकर पुणे जाने वाली उड़ान भी एक माह के लिए बंद है।
एक साथ तीन उड़ानें बंद होने के कारण सीटों की संख्या कम हुई है। इसका असर किराये में बढ़ोतरी के रूप में नजर आ रहा है। इस साल एयर टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) के दाम भी बढ़े हैं। इस कारण भी कम किराये में सीट मिलना मुश्किल हो गई है। जिन शहरों तक एक ही उड़ान है वहां का किराया तो दो गुना तक बढ़ा दिया गया है। भोपाल से उड़ानों की सीमित संख्या के कारण अब यात्रियों को लो-फेयर स्कीम का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। ट्रेवल्स एजेंट ओमप्रकाश रीझवानी शेरू का कहना है कि एयर इंडिया की उड़ानें कम होने से टिकट महंगे हो गए हैं। अब एयरलाइंस कंपनियां लो-फेयर स्कीम भी कम समय के लिए लाती हैं।
भोपाल के यात्रियों को इसका लाभ मुश्किल से ही मिल पाता है। सीटों की संख्या कम होने के कारण लो-फेयर सीटें कुछ ही समय में बुक हो जाती हैं। बता दें कि बीते दो सालों में कोरोना वायरस महामारी के कारण यात्री नहीं मिलने से विमानन कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पडा। ऐसे में कई कंपनियों ने अपनी उडाने कुछ समय के लिए स्थगित भी कर दी थी, लेकिन धीरे-धीरे अब यात्रियों की संख्या में सुधार आ रहा है। उडानें भी सामान्य होने लगी है।