भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से विश्व क्षय दिवस के अवसर पर कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) भोपाल में टी.बी. मुक्त मध्यप्रदेश संकल्प कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश में वर्ष 2024 तक मध्यप्रदेश को टी.बी. मुक्त प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
स्वास्थ्य अधिकारी लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक अभियान चलाकर मिशन मोड में कार्य करें। जिला एवं ब्लॉक स्तर पर उप स्वास्थ्य केन्द्रों में सीएचओ पदस्थ किये गये हैं, जो टी.बी. का इलाज करेगें। वर्तमान में प्रदेश में 8 हजार सीएचओ की नियुक्ति की गई है। जल्द ही 2 हजार सीएचओ और नियुक्त होंगे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में अमले और संसाधनों की कमी नहीं है। जिस प्रकार कोविड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम बनाकर लोगों की जांच की गई, उसी प्रकार टी.बी. की जांच की जाएगी। टी.बी. बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए मेहनत और लगन से कार्य करना होगा। हर जिले में इस संबंध में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रत्येक जिला चिकित्सा अधिकारी को पहल करना होगी।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि सभी स्वास्थ्य अधिकारी यह संकल्प लें कि हम प्रदेश को टी.बी. मुक्त बनाने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। विकासखण्ड स्तर पर टी.बी. जांच के लिए मॉलिक्यूलर टेस्टिंग के लिए 296 टुनाइट मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। इन मशीनों से शीघ्र जांच संभव हो सकेगी। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को आश्वस्त किया कि शासन द्वारा टी.बी. के मरीजों की जांच और इलाज में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी।
कार्यशाला में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने सब नेशनल सर्टिफिकेशन, भारत सरकार में स्वर्ण पदक विजेता जिला चिकित्सालय, खरगोन और कांस्य पदक विजेता जिला चिकित्सालय उज्जैन को पदक तथा स्मृति चिन्ह भेंट किए। मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने टी.बी. मुक्त भारत अभियान में हेल्थ एण्ड वैलनेस सेंटर का शुभारंभ किया।।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मो. सुलेमान ने टी.बी. मुक्त प्रदेश बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से टीम बनाकर कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सबसे मुश्किल काम मरीज को चिन्हित करने का है। इसके लिए घर-घर जाकर टेस्टिंग और ज्यादा से ज्यादा व्यक्तियों और संस्थाओ को इस अभियान में जोड़ने की आवश्कता है। स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने टी.बी. मुक्त भारत के संदर्भ में शासन द्वारा चलाये जा रहे प्रयासों का विस्तार से उल्लेख किया और प्रदेश में अतिरिक्त रूप से चलाये जा रहे कार्यों की व्याख्या की।
टी.बी. उन्मूलन की दिशा में सहयोग के लिए अनुबंध
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा टी.बी. मुक्त मध्यप्रदेश बनाने के लिए अन्य विभागों से सहयोग के लिए एमओयू साइन किया गया। कार्यशाला में टी.बी. के प्रति जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक की भी प्रस्तुति की गई। साथ ही टी.बी. मुक्त फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। टी.बी. बीमारी के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं द्वारा कार्यशाला में स्टॉल लगाये गये थे। कार्यशाला में जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला क्षय अधिकारी उपस्थित थे। राज्य क्षय अधिकारी डॉ. वर्षा राय द्वारा आभार प्रकट किया गया।