भोपाल। राजधानी में एक उपभोक्ता ने खुला दूध खरीदकर उसे उबाला तो वह रबर बन गया। उपभोक्ता ने इसका इंटरनेट मीडिया पर शुक्रवार को एक वीडियो भी शेयर किया। घटना पांच दिन पुरानी है। अशोका गार्डन के पंतनगर इलाके की उपभोक्ता नाजिया जमशेद ने किसान मिल्क डेयरी के संचालक हकीम खान पर दूध में मिलावट करने का आरोप लगाया है।मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग ने संज्ञान लिया है। डेयरी से दूध, दही, पनीर और घी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं।
रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में डेयरी संचालक हकीम खान ने उपभोक्ता के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर रुपये मांगने के आरोप लगाए हैं।मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डीके दुबे ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर साझा किए गए वीडियो का संज्ञान लिया है। पीड़ित परिवार के सदस्यों से खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी मिले हैं और उसकी शिकायत दर्ज कर ली है। नाजिया ने बताया कि वह वे किसान मिल्क डेयरी से दूध व अन्य उत्पाद खरीदते हैं। पांच दिन पूर्व उन्होंने खुला दूध खरीदा था।
घर में उबाला तो वह देखते ही देखते रबर के रूप में बदलने लगा। पानी अलग हो गया। इसकी सूचना संचालक को दी गई तो वह उल्टा हमें ही डांटने लगा। उसका कहना था कि जिस दूध की शिकायत की जा रही है वहां के पार्लर से खरीदा ही नहीं है। उपभोक्ता के अनुसार वह मानने के लिए तैयार ही नहीं था।
यह मामला पुलिस को भी बताया था लेकिन पुलिस ने भी मदद नहीं की, जिसके बाद वीडियो सार्वजनिक करना पड़ा। पीड़ित परिवार की तरफ से खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को बयान दिए हैं कि दूध का उपयोग करने के कारण परिवार के सदस्यों की हालत बिगड़ने लगी। उन्होंने घबराहट होने, दूध का उपयोग करने के बाद भूख नहीं लगने, दूध से अजीब गंध आने की बात कही है।
परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाए कि संचालक ने पहले उन्हें इलाज कराने का भरोसा दिया और बाद में बदल गया। हालांकि सूत्रों का दावा है कि दोनों पक्षों के बीच इस मामले में पहले ही समझौता हो गया था, लेकिन एक-दूसरे की शर्ते पूरी नहीं होने के कारण मामला सामने आ गया।
इस बारे में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डीके दुबे का कहना है कि मामला पुराना है। यदि संबंधित द्वारा मिलावट की जाती रही हो तो स्वभाविक है कि वह उपभोक्ता की नाराजगी के बाद सतर्क हो गया होगा और मिलावट बंद कर दी होगी। ऐसे में सैंपलों में मिलावट पकड़ में आना मुश्किल ही है। उन्होंने कहा कि वीडियो में किए जा रहे दावों के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह वीडियो एक पक्ष की मौजूदगी में बनाया गया है। फिर भी मामले की गंभीरता पर उपभोक्ता द्वारा शिकायत नहीं करने के बावजूद विभाग ने संज्ञान लिया है।