भोपाल । पुलिस आयुक्त ने कार्यक्रम की अनुमति निरस्त करते हुए चेतावनी दी है कि अब भी कार्यक्रम करने की कोशिश की तो कार्रवाई की जाएगी। ढाई महीने में यह दूसरा मौका है, जब सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर भोपाल आ रहे कर्मचारियों को रोका है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर रविवार को भोपाल के कलियासोत मैदान पर प्रस्तावित कर्मचारियों के धरना-प्रदर्शन पर सरकार ने रोक लगा दी है।
आजाद अध्यापक-शिक्षक संघ के बाद मप्र अधिकारी - कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की राजधानी में प्रदर्शन की तैयारी थी। मोर्चा को 13 मार्च को कलियासोत मैदान पर धरना प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी। पुलिस आयुक्त ने यह तर्क देते हुए अनुमति निरस्त कर दी कि कार्यक्रम में 25 हजार से ज्यादा कर्मचारी आ रहे हैं। इससे क्षेत्र में यातायात व्यवस्था बिगड़ेगी। आयोजक इस भीड़ को संभाल नहीं पाएंगे। इससे अन्य समस्याएं खड़ी होंगी। पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा है कि आयोजकों ने कार्यक्रम स्थल पर अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था भी नहीं की, जिससे आमजन को खतरा है। उधर, शिक्षक भी अगले महीने भोपाल आने की तैयारी में जुटे हैं।
इस बारे में मप्र अधिकारी- कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार प्रदर्शन से घबराई हुई है। इसलिए आनन-फानन कुछ भी तर्क देकर कार्यक्रम निरस्त किया गया है। बड़े राजनीतिक आयोजनों को छोड़कर आज तक शायद ही किसी कार्यक्रम में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था की गई हो, पर पुलिस इस आधार पर अनुमति निरस्त कर रही है। बैठक कर आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं।उल्लेखनीय है कि 25 दिसंबर 2021 को शिक्षक भी इसी मांग को लेकर भोपाल आ रहे थे।
उन्होंने भेल स्थित एनसीसी ग्राउंड पर कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली थी। ऐन वक्त पर पुलिस ने कानून व्यवस्था बिगड़ने का तर्क देकर कार्यक्रम निरस्त कर दिया और टेंट उखड़वा दिया था। मोर्चा ने सरकार के इस व्यवहार की कड़ी आलोचना की है और रविवार को राजधानी में बैठक बुलाई है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि अब अगला क्या कदम होना चाहिए।