युवराज के पिता योगराज सिंह ने कपिल देव से संबंध को लेकर एक इंटरव्यू में खुलासा कि वह एक बार उन्हें गोली मारने के लिए पिस्टल लेकर उनके घर चले गए थे।
योगराज ने एक इंटरव्यू में युवराज को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि यदि उनका बेटा 2011 के वर्ल्ड कप के दौरान मर भी जाता तो उन्हें उस पर गर्व होता। युवराज ने 2011 के वर्ल्ड कप जीताने में अहम भूमिका निभाई। उस दौरान वह कैंसर से जूझ रहे थे। जिसका पता उन्हें वर्ल्ड कप के बाद लगा।
योगराज सिंह यू-ट्यूबर समदीश को दिए इंटरव्यू में एक घटना का खुलासा करते हुए कहा कि कपिल देव नॉर्थ जोन और हरियाणा के कप्तान बने, तो उन्होंने बिना बताए मुझे टीम से हटा दिया था। मेरी पत्नी चाहती थी कि मैं टीम से हटाए जाने को लेकर कपिल से सवाल पूछूं। मैं बहुत गुस्से में था। मैंने अपनी पिस्तौल निकाली और चंड़ीगढ़ में सेक्टर 9 स्थित कपिल के घर पहुंच गया। वह अपनी मां के साथ घर से बाहर निकले। मैंने उन्हें गालियां दी। मैंने उससे कहा कि तुम्हारी वजह से मैंने एक दोस्त खो दिया है और तुमने जो किया, उसकी कीमत तुम्हें चुकानी पड़ेगी। मैं तुम्हारे सिर में गोली मारना चाहता हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर रहा हूं क्योंकि तुम्हारे पास भगवान में विश्वास रखने वाली मां है, जो यहां खड़ी है।
योगराज ने कहा-बिशन सिंह बेदी और कपिल देव ने मेरा करियर खत्म किया
योगराज ने इंटरव्यू में आरोप लगाया कि कपिल देव और बिशन सिंह बेदी की राजनीति की वजह से उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया। इन दोनों ने साजिश के तहत मुझे नॉर्थ जोन की टीम से बाहर निकाला। मैंने उस समय फैसला किया कि मैं क्रिकेट नहीं खेलूंगा, युवी खेलेंगे। मैंने बिशन सिंह बेदी को कभी माफ नहीं किया। जब मुझे टीम से बाहर किया गया तो मैंने चयनकर्ताओं में से एक रवींद्र चड्ढा से बात की। उन्होंने मुझे बताया कि बिशन सिंह बेदी (मुख्य चयनकर्ता) मुझे नहीं चुनना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगा कि मैं सुनील गावस्कर का आदमी हूं और क्योंकि मैं मुंबई में क्रिकेट खेल रहा था। मैं गावस्कर के बहुत करीब था।
वर्ल्ड कप जिताने के दौरान युवी मर भी जाता तो मुझे गर्व होता
योगराज ने अपने पिता युवराज सिंह को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि 2011 वर्ल्ड कप के दौरान मेरा बेटा मर भी जाता तो मुझे गर्व होता। युवराज उस समय कैंसर से जूझ रहे थे। उन्हें खून की उल्टियां हो रही थी, उसके बाद भी वह मैदान पर बैटिंग और फील्डिंग करने उतरे। वर्ल्ड कप के बाद पता चला कि युवराज को कैंसर है। युवराज ने टूर्नामेंट में आठ पारियों में 90.50 की औसत और 86.19 की स्ट्राइक रेट से 362 रन बनाए थे, जिसमें चार अर्द्धशतक और एक शतक शामिल था। वह 9 पारियों में 5.02 की इकॉनमी से गेंदबाजी करते हुए 15 विकेट भी लिए थे। वे टूर्नामेंट में चार बार प्लेयर ऑफ द मैच रहे। उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी घोषित किया गया था।