नई दिल्ली। राहुल और सोनिया गांधी को ईडी के समन और जांच एजेंसी के सामने पेश होने के निर्देश को लेकर कांग्रेस के शक्ति प्रदर्शन के फैसले के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, “मैं एक कांग्रेस सदस्य और एक वकील के रूप में अपनी बात रखना चाहता हूं। राहुल गांधी को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत भेजा गया ईडी का समन निराधार है।”पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा धन शोधन के अपराध में 'धन' और 'धन शोधन' होना चाहिए।
नेशनल हेराल्ड मामले में कर्ज को हिस्सेदारी में बदला गया है और उधार देने वाले बैंक नियमित आधार पर ऐसा करते हैं। इस मामले में पैसे का कोई लेन-देन नहीं हुआ, इसलिए इसे धन शोधन का मामला कैसे कहा जा सकता है।” उन्होंने दलील दी यह एक व्यक्ति पर 'बटुआ छीनने' का आरोप लगाने जैसा है, जबकि कोई बटुआ था ही नहीं और छीना भी नहीं गया। चिदंबरम ने कहा कि वह कांग्रेस सदस्य के रूप में पार्टी के नेता राहुल गांधी के साथ एकजुटता व्यक्त करेंगे और सोमवार को उनके साथ ईडी कार्यालय तक निकाले जाने वाले मार्च में शामिल रहेंगे।
कांग्रेस ने राहुल गांधी के प्रति एकजुटता दिखाने और भाजपा पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाने के लिए देशभर में कई स्थानों पर संवाददाता सम्मेलन किए। लखनऊ में सचिन पायलट, रायपुर में विवेक तन्खा, भोपाल में दिग्विजय सिंह, शिमला में संजय निरुपम, चंडीगढ़ में रंजीत रंजन, अहमदाबाद में पवन खेड़ा और देहरादून में अलका लांबा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा इस मामले में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। कोई सबूत नहीं है। प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर झूठे प्रकरण बनाए जा रहे हैं और मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामला इसका प्रमाण है। उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा 'दबाव की राजनीति करना और झूठे प्रकरण बनाना सरकार की आदत बन चुका है। यह राहुल और सोनिया पर राजनीतिक दबाव डालने का कुटिल प्रयास है। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को ईडी द्वारा जारी किए गए समन 'विपक्ष की आवाज को कुचलने तथा महंगाई, बेरोजगारी एवं कश्मीर में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति से लोगों का ध्यान भटकाने की भाजपा नीत केंद्र सरकार की 'तरकीब' का हिस्सा हैं।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी द्वारा नोटिस जारी किए जाने के पीछे की वजह 'राजनीतिक प्रतिशोध की भावना' है, क्योंकि वह निर्भीकता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल कर रहे हैं। खेड़ा ने यहां कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से कहा इसमें रत्तीभर भी अवैध गतिविधि नहीं है। उसके बाद भी राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ईडी द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से नोटिस जारी किए गए, जिसका मकसद हफ्तेभर कुछ सुर्खियां बटोरना है। कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता संजय निरुपम ने धन शोधन मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी द्वारा जारी नोटिस को लेकर शिमला में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), ईडी और अन्य जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस ने बीजेपी वैनडेट एक्सपोज्ड भाजपा की बदले की भावना सामने आई हैशटैग का इस्तेमाल करके कई ट्वीट भी किए।
पार्टी ने कहा, ''सच लंबे समय तक छिपा नहीं रह सकता क्योंकि हम इसके लिए लड़ेंगे।'' उसने एक अन्य ट्वीट किया कि भारत भाजपा द्वारा भड़काई गई नफरत'' के खिलाफ आवाज उठा रहा है। कांग्रेस ने कहा अब प्रवर्तन निदेशालय इस आवाज को चुप कराने आया है, लेकिन नफरत के खिलाफ हमारी आवाज को दबाया नहीं जा सकता। लड़ाई जारी है। पार्टी ने ट्वीट किया भाजपाई हुकूमत ईडी के समन भेजकर नफरत के खिलाफ उठने वाली आवाज को नहीं कुचल पाएगी। नफरत के खिलाफ युद्ध जारी था, जारी है, जारी रहेगा, क्योंकि यह देश को नफरत से बचाने का युद्ध है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जब देश का ''रखवाला'' सीमाओं की अखंडता की रक्षा करने के कर्तव्य को पूरा करने में नाकाम रहा तो उसने अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए ईडी को भेजा, लेकिन 'हम अपने देश की सुरक्षा को खतरे में नहीं पड़ने देंगे।