गांधीनगर | विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टैड्रोस ऐडरेनॉम ने गुजराती भाषा में अपने संबोधन की शुरूआत कर सभी लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने अपना संबोधन शुरू करने से पहले पूज्य गांधी बापू को याद किया और कहा कि मुझे महात्मा गांधी की भूमि पर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार प्रगट किया। वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार सम्मेलन-2022 में उपस्थित महानुभावों को संबोधित करते हुए महानिदेशक डॉ. टैड्रोस ऐडरेनॉम ने कहा कि विश्व एक परिवार है। ऐसे में हमारे समाज को विरासत में मिले स्वास्थ्य से संबंधित ज्ञान के माध्यम से सभी लोगों को लाभान्वित करना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन इसका पालन भी कर रहा है। डॉ. टैड्रोस ऐडरेनॉम ने कहा कि हमने पारंपरिक चिकित्सा, इसके कार्यान्वयन के साथ-साथ क्लीनिकल ट्रायल, वैज्ञानिक साक्ष्य और पद्धतियों पर ध्यान केंद्रित किया है। इस वर्ष यह उद्योग 23 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकता है। पारंपरिक दवाओं से संबंधित क्षेत्र के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. टैड्रोस ने कहा कि इस क्षेत्र को आगे ले जाने के लिए मुख्य तीन बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिसमें प्रथम इनोवेशन इकोसिस्टम (नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र) को समर्थन देने के लिए लंबे अंतराल के व्यूहात्मक निवेश की आवश्यकता है। दूसरा उसका विकास मजबूत तरीके से किया जाना चाहिए तथा जो लोग इसमें सहभागी बने है उनको भी इसका लाभ मिलना चाहिए। डॉ. टैड्रोस ऐडरेनॉम ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को 75 वर्ष होने जा रहा है। भारत भी अपनी आज़ादी का 75वां वर्ष मना रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में पारंपरिक दवाईयों को लेकर ‘वार्षिक वैश्विक बैठक’ का प्रस्ताव दिया था, जिसके लिए हम सहमत हुए हैं और आगामी वर्ष में इसकी प्रथम बैठक आयोजित होगी। डॉ. टैड्रोस ने जामनगर में WHO के सेंटर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जामनगर में WHO का सेंटर विश्वभर में पारंपरिक दवाईयों में गुजरात को अग्रसर बनाएगा।