कच्छ | जैन समाज की लगातार घटती आबादी को देखते हुए समाज ने अनोखा अभियान शुरू किया है| जैन समाज की जनसंख्या बढ़ाने के लिए ‘हम दो, हमारे दो-तीन’ का नारा दिया गया है| साथ ही दूसरी और तीसरी संतान पर दंपत्ति को प्रोत्साहन स्वरूप रु. 10 लाख देने ऐलान किया है| कच्छ की मुंद्रा तहसील के बारोई गांव में कच्छ विसा ओसवाल जैन समाज की ओर यह घोषणा की गई है|
भारत में पारसी समाज ऐसा ही जिसकी जनसंख्या लगातार घटती जा रही है| पारसी समाज अपनी आबादी बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है| पारसी समाज के बाद अन्य समाज भी जागृत हुए हैं और वह अपनी घटती जनसंख्या को लेकर चिंतित हैं| जैन समाज भी घटती आबादी के चलते अब जागृत हुआ है और जनसंख्या बढ़ाने के लिए अनोखी घोषणा की है| जैन समाज ने ‘हम दो, हमारे दो-तीन’ नारे के साथ ही नकद पुरस्कार की भी घोषणा की है| ताकि जैन समाज का प्रत्येक परिवार दूसरी और तीसरी संतान पर विचार करे| समाज की ओर से परिवार में जन्म लेने वाली तीसरी संतान के लिए सहायता दी जाएगी|
योजना के तहत समाज में दूसरी और तीसरी संतान के बाद एक लाख और प्रत्येक जन्म दिन पर रु. 50000 समेत कुल 18 वर्ष तक रु. 1000000 की सहायता दी जाएगी| इस योजना का लाभ 1 जनवरी 2023 के बाद जन्म लेने वाली संतानों को मिलेगा| समाज के लोगों ने भी इस योजना का स्वागत किया है| जैन समाज के प्रमुख डॉ. कल्याणभाई केनिया के मुताबिक अपने कैरियर के पीछे पागल आज की पीढ़ी संयुक्त परिवार की भावना भूल गई है|
इसी वजह से हमने यह योजना बनाई है, ताकि परिवार बढ़े| हमारे समाज के ज्यादातर लोग मुंबई में स्थायी हो गए हैं| एक सर्वे में पता चला कि हमारे समाज के 400 घर हैं और उसमें 800 लोग कम हुए हैं| अगर समाज की जनसंख्या बढ़ानी होगी तो प्रोत्साहन राशि ही एक विकल्प है| इस योजना के लिए आवश्यक फंड समाज के आर्थिक रूप से संपन्न लोगों से एकत्र करने का फैसला किया गया है और सभी ने सकारात्मक प्रतिसाद दिया है|