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:: बैंक, बीमा कार्यालय और कई कारखानों के ताले नहीं खुले, दोनों दिन सैकड़ों मजदूरों कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन ::
:: ज्ञापन देकर 25 सूत्री मांग की गई ::
:: पहले दिन श्रम आयुक्त कार्यालय पर, दूसरे दिन कलेक्टर कार्यालय पर हुआ प्रदर्शन ::
इन्दौर । देश के 10 केंद्रीय श्रम संगठनों, बैंक व बीमा कर्मचारियों के फेडरेशन और संगठित तथा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के राष्ट्रीय संगठनों के आव्हान पर पिछले 2 दिनों से देशव्यापी मजदूर कर्मचारी हड़ताल के चलते देश के औद्योगिक उत्पादन और बैंक व्यवसाय ठप है। इन्दौर में भी इस हड़ताल का व्यापक असर हुआ है। हड़ताली मजदूरों कर्मचारियों ने दोनों दिन जोरदार प्रदर्शन कर अपनी मांगे पूरी करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन श्रम आयुक्त और कलेक्टर के माध्यम से भेजा और चेतावनी दी कि यदि मांगे पूरी नहीं की गई, निजीकरण नहीं रोका गया और महंगाई पर रोक नहीं लगी तो मजदूर व कर्मचारी और तेज आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
इन्दौर में केंद्रीय श्रमिक संगठनों की समन्वय समिति के बैनर तले पहले दिन गांधी हाल में मजदूरों कर्मचारियों की प्रभावी सभा हुई जिसे विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित करते हुए कहां की नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसान और मजदूरों के आंखों पर कुठाराघात करने के लिए ऐसे कानून लाए गए जो पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाते हैं और इसीलिए किसानों के बाद मजदूर भी आंदोलन की राह पर चलने के लिए मजबूर हुए हैं। चारों श्रम संहिता हिलाकर मोदी सरकार ने मजदूरों के लंबे संघर्ष से हासिल अधिकारों पर चोट करने की कोशिश की है। आज देश के 20 करोड़ से ज्यादा मजदूर कर्मचारी हड़ताल पर हैं... बैंक कारोबार ठप है... निजीकरण के खिलाफ बैंक और बीमा कर्मचारी आंदोलनरत है और ऐसे में सरकार सुनवाई नहीं करती है, तो मजदूरों व कर्मचारियों ने लंबे संघर्ष की तैयारी कर रखी है... यह 2 दिन की हड़ताल तो सिर्फ चेतावनी है..!
सभा को कैलाश लिम्बोदिया, अरुण चौहान, सी.एल. शेरावत, रामस्वरूप मंत्री, रूद्रपाल यादव, श्याम सुंदर यादव, हरिओम सूर्यवंशी, हरनाम सिंह धारीवाल सहित विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया। सभा के बाद पहले दिन श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया। जबकि दूसरे दिन कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में आंगन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹26000 वेतन देने, महंगाई पर रोक लगाने, निजीकरण पर रोक लगाने, किसानों की लंबित मांगे पूरी करने तथा चारों श्रम संहिता वापस लेने, ठेकाप्रथा समाप्ति, समान कार्य का समान वेतन देने, स्थाई काम पर स्थाई नियुक्ति, खाली पदों को तुरन्त भरने आदि 25 से ज्यादा मॉंगें की गई। सभा में बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी सेवा और अन्य संगठनों में कार्यरत महिलाओं ने भी भागीदारी की। दोनों दिन प्रदर्शन में पूर्व सांसद कल्याण जैन, इंटक के नेता श्याम सुंदर यादव, एटक नेता रूद्रपाल यादव, सोहनलाल शिंदे, रामस्वरूप मंत्री, कैलाश लिंबोदिया, अरुण चौहान, सी.एल. शेरावत, भागीरथ कछवाय, सोनू शर्मा, रजनीश जैन, अर्शी खान, हरिओम सूर्यवंशी, अजीत पवार, कैलाश कुशवाहा, लक्षमीनारायण पाठक, हरनाम सिंह धारीवाल, राजू जरिया आदि प्रमुख रूप से शामिल हुए।
केंद्रीय श्रम संगठनों ने प्रदेश के श्रम आयुक्त कार्यालय व जिला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया। हड़ताल के दूसरे दिन मजदूर और बैंक व बीमा कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय के सामने एकत्रित हुए और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन दिया। जुलूस में बड़ी संख्या में औद्योगिक श्रमिक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और आशा-ऊषा कर्मी शामिल हुए। जुलूस का नेतृत्व इंटक के प्रदेश महामंत्री श्याम सुन्दर यादव, पूर्व संसद कल्याण जैन, एटक अध्यक्ष सोहनलाल शिन्दे, एचएमएस के प्रदेश अध्यक्ष हरिओम सूर्यवंशी, सीटू महामंत्री भागीरथ कछवाय, सेवा सचिव रेखा सर्वे, आंगनवाड़ी सचिव पंचशीला निकालकर, आशा उषा सचिव कविता सोलंकी, खेतिहर मजदूर नेत्री सुश्री शुशिला यादव, सयुक्त किसान संघर्ष समिति सयोजक रामस्वरुप मंत्री, किसान सभा अध्यक्ष अरुण चौहान, गोपाल शर्मा, आआईयूटीयूसी से आर्शी खान व सोनू शर्मा ने किया।