अमेरिका में 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ ले रहे डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा वे ‘गल्फ ऑफ मैक्सिको’ का नाम बदलकर ‘गल्फ ऑफ अमेरिका रखेंगे’। मार ट्रम्प ने कहा कि यह नाम ज्यादा ‘सुंदर’ लगता है और यही नाम रखना सही भी है।
ट्रम्प ने कहा कि इस इलाके में अमेरिका की ज्यादा मौजूदगी है। अमेरिका इस इलाके में सबसे ज्यादा एक्टिविटी करता है इसलिए ये जगह अमेरिका की है। ट्रम्प ने कहा कि बहुत जल्दी ही किसी तारीख को गल्फ का नाम बदलने की घोषणा की जाएगी।
हालांकि ट्रम्प ने यह नहीं बताया कि वे गल्फ ऑफ मैक्सिको का नाम कैसे बदलेंगे। गल्फ ऑफ मैक्सिको को अक्सर अमेरिका का ‘तीसरा तट’ कहा जाता है, क्योंकि यह अमेरिका के 5 राज्यों से सटी हुई है।
गल्फ ऑफ मैक्सिको को उसका नाम कैसे मिला?
गल्फ ऑफ मैक्सिको को 400 साल से भी ज्यादा समय से इस नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह नाम अमेरिकी शहर ‘मैक्सिको’ से लिया गया था। हालांकि पहली बार नहीं है जब गल्फ ऑफ मैक्सिको का नाम बदलने की चर्चा हुई है।
साल 2012 में, मिसिसिपी एक रिप्रेजेंटेटिव ने गल्फ ऑफ मैक्सिको के कुछ हिस्सों का नाम बदलकर ‘गल्फ ऑफ अमेरिका’ करने का विधेयक प्रस्तावित किया था। वह विधेयक बाद में एक समिति को भेजा गया था जो पारित नहीं हो पाया।
क्या ट्रम्प मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदल सकते हैं?
अमेरिका और मैक्सिको दोनों ही इंटरनेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑर्गेनाइजेशन (IHO) के सदस्य हैं। यह एजेंसी दुनिया के सभी समुद्रों, महासागरों का सर्वेक्षण करती है। IHO के पास जगहों के नाम बदलने की भी जिम्मेदारी है। हालांकि सामान्य तौर पर नाम बदलने के लिए दोनों पक्षों की सहमति जरूरी है।
लेकिन ट्रम्प चाहें तो अपने देश में ‘गल्फ ऑफ मैक्सिको’ की जगह ‘गल्फ ऑफ अमेरिका’ नाम का चलन शुरू कर सकते हैं।
मंगलवार को ट्रम्प के बयान के बाद जॉर्जिया की रिप्रेजेंटेटिव मार्जोरी टेलर ग्रीन ने कहा कि वह अपने कर्मचारियों को गल्फ ऑफ मैक्सिको का नाम बदलने के लिए कानून का मसौदा तैयार करने का निर्देश देंगी। उन्होंने कहा कि इस कदम से पूरे देश में नए मैप और प्रशासनिक नीति तैयार करने के लिए लिए धन जुटाया जा सकेगा।
सी ऑफ जापान के नामों पर विवाद
हालांकि ऐसे भी उदाहरण हैं जहां दो देशों ने एक ही इलाके के अलग-अलग नाम रखे हैं। ‘सी ऑफ जापान’ का नाम के लेकर जापान, चीन, रूस, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया में विवाद है। जापान सागर को ये देश अलग-अलग नामों से जानते हैं।
IHO ने ‘सी ऑफ जापान’ नाम 1929 में रखा था। इंटरनेशनल मैप और दस्तावेजों में इसी नाम से जाना जाता है। हालांकि खुद जापान में इसे ‘निहोन काई’, चीन में ‘रिबिन होई’, रूस में ‘यापोन्सकॉय’, उत्तर कोरिया में ‘चोसन टोंगहे’ और दक्षिण कोरिया में ‘डोंगहे’ कहा जाता है।
ओबामा ने पहाड़ की चोटी का नाम बदला था
न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक नाम बदलना तब आसान हो सकता है जब कोई लैंडमार्क या वाटरबॉडी किसी देश की सीमा के भीतर हो। साल 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने माउंट मैकिन्ले (उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी) का नाम बदलकर ‘डेनाली’ कर दिया था।