इमरान नियाजी को हटने की स्क्रिप्ट चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के आदेश पर लिखी गई

Updated on 31-03-2022 04:37 PM

लाहौर पाकिस्तान इन दिनों सियासी भूचाल का सामना कर रहा है। पीएम इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के चलते उनकी कुर्सी खतरे में है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 31 मार्च से शुरू होगी और वोटिंग 3 या 4 अप्रैल को हो सकती है। जानकारों का मानना है कि इस बीच चीन और पाकिस्तान को लेकर हैरान करने वाला खुलासा हुआ है।

खुफिया रिपोर्ट की मानें, तब इमरान खान हटाओ' की स्क्रिप्ट चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आदेश पर लिखी गई है। इसका कारण चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ख्वाब को माना जा रहा है। इमरान जिनपिंग के महत्वकांशी ख्वाब 'चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर' यानी सीपीईसी के लिए अड़चन बनने कारण चीन के लिए अब सिरदर्द बन चुके हैं।

दरअसल, चीन का ड्रीम प्रोजेक्ट सीपीईसी इमरान राज में पटरी से उतर गया है। इमरान के विरोधी गुट से रहे बयान भी इस बात का सबूत हैं कि उन्हें गद्दी से उतारने का प्लान चीन में ही तैयार हुआ है।  पाकिस्तान में कुर्सी की कुश्ती का असली रिंगमास्टर चीन ही है, क्योंकि इमरान राज में शी जिनपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट सिर्फ ठप्प हो गया है, बल्कि इन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही चीनी कंपनियों के अरबो डॉलर का भुगतान पाकिस्तान सरकार नहीं कर रही है। इस खुलासा इसी महीने चीन की एक कंपनी की लिखी चिट्ठी से होता है, जो इमरान सरकार को भेजी गई थी। कुर्सी के इस खेल में मामला सिर्फ पैसे का ही नहीं है, बल्कि नीयत का भी है।

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक इमरान ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ के जरिए अमेरिका को ये संदेश भेजा था कि अगर पाकिस्तान को अमेरिका सीपीईसी जैसी कोई बड़ी डील दे, तब वहां चीन के साथ सीपीईसी को खत्म करने को तैयार है, लेकिन अमेरिका ने पेशकश को ठुकरा दिया और ये बात चीन तक पहुंची और फिर इमरान की उल्टी गिंनती शुरु हो गई। इमरान ने यहीं गलती नहीं की, बल्कि कुर्सी संभालने के बाद से वो लगातार सीपीईसी की ऐसी शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं, इससे चीन का गुस्सा बढ़ाता जा रहा था।

 इमरान सरकार को चीन की धमकी

पाकिस्तानी ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर को लिखी चिट्ठी में चीन ने कहा है, ''स्टेट ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ चाइना की सीईटी इकाई, जो पाकिस्तान में काम कर रही है, उसे अभी तक सिर्फ 875 करोड़ रुपए का भुगतान मिला है, जिसके बाद पाकिस्तान की एनटीपीसी की देनदारी 1235 करोड़ रुपए की बनती है। अगर 24 मार्च तक ये भुगतान नहीं हुआ,तब ये समझौते का उल्लंघन माना जाएगा।

'' य़े इमरान सरकार को चीन की एक कंपनी की धमकी है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि चीनी कंपनियों के अरबों रुपए इमरान सरकार में फंसे हुए हैं। हाल ही में सीपीईसी के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार पर चीनी कंपनियों के 230 करोड़ डॉलर बकाय़ा है, जिसमें पाकिस्तान ने 140 करोड़ डॉलर के भुगतान का वादा किया, लेकिन जब सरकार का बजट घाटा 3100 करोड़ पहुंच गया हो, तो जाहिर है चीन कंपनियों को पैसे नहीं मिलने वाले और चीन की नाराजगी की ये बड़ी वजह है।  


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